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न्यूयॉर्क टाइम्स ने CM योगी को बताया 'चरमपंथी', लिखा- हिंदू युवा वाहिनी के हैं सरगना
लखनऊ: विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद सत्ता में काबिज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख में 'चरमपंथी' बताया गया है।
दरअसल, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख छपा है जिसका शीर्षक है 'राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ता एक फायरब्रांड हिंदू पुजारी'। इस लेख में सीएम योगी आदित्यनाथ को हिंदू युवा वाहिनी का 'सरगना' बताया गया है। इस लेख में इस संगठन को एक आतंकी संगठन के रूप में पेश किया गया है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब इस अमेरिकी अखबार ने इस तरह के विवादास्पद लेख लिखा हो।
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'महंत' के भाषण में नफरत होती है
इस हालिया लेख में कहा गया है कि 'भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में एक महंत को शासन करने के लिए चुना गया है। इनके भाषणों में नफरत होती है।' लेख में ये भी कहा गया है कि आदित्यनाथ को अधिकतर लोग 'योगी' कहकर बुलाते हैं। उनकी पहचान एक मंदिर के महंत के रूप में होती है।
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बदला लेने के लिए बनाई 'हिंदू युवा वाहिनी'
लेख की मानें, तो योगी ने मुसलमानों से बदला लेने के लिए युवाओं की सेना के तौर पर 'हिंदू युवा वाहिनी' का निर्माण किया था। यही नहीं योगी को परंपरावाद के लिए कुख्यात बताया गया है। इसके अलावा इस पूरे लेख में यूपी के सीएम के राजनीतिक सफर और बीजेपी की राजनीति पर भी काफी कुछ लिखा गया है।
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योगी पर आपराधिक मुकदमों का भी जिक्र
इस लेख में हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा मुस्लिमों को धमकाकर गांव से निकालने, गाय ले जाने के लिए मारपीट करने सहित कई मामलों में मारपीट आदि में शामिल रहने का भी जिक्र है। योगी पर कई गंभीर मामलों समेत करीब दो दर्जन आपराधिक मुकदमों का भी जिक्र किया गया है।
गोरखनाथ मंदिर का 'चरमपंथी इतिहास'
न्यूयॉर्क टाइम्स के इस लेख में गोरखनाथ मंदिर का भी जिक्र किया गया है। बताया गया है कि आदित्यनाथ इसी मंदिर के महंत हैं। साथ ही उनका पुराना चरमपंथी इतिहास भी रहा है। लिखा गया है, 'वर्ष 1959 तक गोरखनाथ मंदिर के महंत रहे दिग्विजय नाथ को महात्मा गांधी की हत्या के कुछ दिन पहले उनकी हत्या के लिए युवाओं को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं उनके बाद आए महंत अवैद्यनाथ ने 1992 में 16वीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को गिराने और उसकी जगह मंदिर बनाने के लिए भीड़ को उकसाया था। इस घटना के बाद भारत के आधुनिक इतिहास के सबसे खूनी दंगे भड़क उठे थे।
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