TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

ड्राइवर बन इस डॉक्टर ने किया ऐसा काम, दिखने लगे उसमें भगवान, जानिए क्यों

संकट की इस घड़ी में हर कोई सहयोग की भावना से काम कर रहा है। आज के समय में  अगर सच्चे मायने में कोई भगवान है तो वो डॉक्टर्स है। मुंबई में ऐसे ही एक उदाहरण देखने को मिला हैं। इस डॉक्टर ने फरिश्ते का रूप धारण कर नवजात बच्चे की जान बचा ली। पैदा होने के बाद ही बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही थी

suman
Published on: 12 April 2020 10:36 AM IST
ड्राइवर बन इस डॉक्टर ने किया ऐसा काम, दिखने लगे उसमें भगवान, जानिए क्यों
X

मुंबई संकट की इस घड़ी में हर कोई सहयोग की भावना से काम कर रहा है। आज के समय में अगर सच्चे मायने में कोई भगवान है तो वो डॉक्टर्स है। मुंबई में ऐसे ही एक उदाहरण देखने को मिला हैं। इस डॉक्टर ने फरिश्ते का रूप धारण कर नवजात बच्चे की जान बचा ली। पैदा होने के बाद ही बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। डॉक्टर खुद ही बच्चे को बाइक से लेकर एनआईसीयू की सुविधा वाले दूसरे हॉस्पिटल में लेकर गया, जिससे उसकी जान बच सकी।

यह पढ़ें..कभी नहीं मिलेगी कोरोना की वैक्सीन! चीफ साइंटिस्ट ने दी चेतावनी

फरिश्ता डॉक्टर

मुंबई के अलीबाग में मंगलवार को पैदा हुए एक बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसको देखते हुए एक डॉक्टर ने बिना देर किए अपनी बाइक से उसे दूसरे अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचा ली। इस काम में एक नर्स ने भी उनकी मदद की। खबरों के अनुसार जहां बच्चे ने जन्म लिया था, वहां एनआईसीयू की सुविधा न होने के कारण ऐसी दिक्कत आई थी। बच्चे की मां को डायबिटीज और अन्य मेडिकल समस्याएं हैं। सी-सेक्शन के जरिए उन्होंने तय तारीख से 10 दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया।

उनके मामले को देख रहे डॉक्टर राजेंद्र चंदोरकर ने बताया कि महिला ने 2.9 किलोग्राम के बच्चे को जन्म दिया। जन्म लेते ही बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। उन्होंने बताया कि बच्चे को सायनोसिस की समस्या भी थी, जिससे उसकी स्किन का रंग भी नीला, ग्रे पड़ने लगा था।

यह पढ़ें..यहां जमातियों के खिलाफ कड़ा एक्शन, क्वारनटीन खत्म होते ही भेजे गए जेल

बच्चे की समस्या

बच्चे की समस्या को देखते हुए नर्सिंग होम के डॉक्टर चंद्रकांत वाजे ने 1.5 किलोमीटर दूर स्थित आनंदी मैटर्निटी ऐंड चाइल्ड हॉस्पिटल के डॉक्टर चंदोरकर को कॉल किया, जहां पर एनआईसीयू की सुविधा है। एंबुलेंस की सुविधा ना होने की वजह से डॉक्टर बच्चे को बाइक ले ही लेकर चल पड़े। उन्होंने बताया, 'बच्चे को एनआईसीयू ले गए। उसे एंटीबायोटिक्स, ऑक्सीजन और फ्लूड दिया गया।'

suman

suman

Next Story