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Mohan Bhagwat: घटती जनसँख्या पर चिंता जाहिर करते हुए मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है।
Mohan Bhagwat: महाराष्ट्र में नागपुर में एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन ने घटती जनसँख्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत ने आरएसएस की बता बताते हुए कहा कि जनसंख्या में गिरावट चिंता का विषय है। मोहन भागवत ने जनसँख्या की बातें बतातें हुए कहा आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब किसी समाज की जनसंख्या (प्रजनन दर) 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज पृथ्वी से गायब हो जाता है। वह समाज तब भी नष्ट हो जाता है जब वहाँ कई भाषाएँ और समाज नष्ट हो गए थे, हमारे देश की जनसंख्या नीति 1998 में तय की गई थी। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि किसी समाज की जनसंख्या 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए, यह जनसंख्या विज्ञान कहता है।
बीजेपी जनसँख्या कंट्रोल करने की कर रही बात
मोहन भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीजेपी के कई नेता इस बात पर जोर देते हैं कि हमें जनसँख्या कंट्रोल करने की जरूरत है। देश में जनसँख्या नियंत्रण कानून लाने की जरूरत है। वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत घटती प्रजनन दर को लेकर चिंता जता रहे हैं। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही राजस्थान से बीजेपी के विधायक बालमुकुंदाचार्य ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने की बात कही थी। उन्होने अपने बयान में कहा था कि संतुलन और विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाना जरूरी है। बता दें कि बीजेपी विधायक का टारगेट एक खास समुदाय के लिए था। बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि विकास की गति में अवरोधक है। उन्होंने एक खास समुदाय को टारगेट करते हुए कहा था कि चार बेगम और 36 बच्चे की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
प्रजनन दर 2.1 के मायने
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रजनन दर में जो 2.1 प्रतिशत की गिरावट की बात कही है उसके मुताबिक़ आजादी के बाद 1950 में भारत में प्रजनन दर (प्रति महिला जन्म दर) 6.2 थी, जो घटकर 2.1 फीसदी पर पहुंच गई है। अगर ऐसा ही रहा तो 2050 तक भारत में प्रजनन दर 1.3 ही रह जाएगी।