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Newsclick Case: राहत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे Newsclick के फाउंडर, कथित चीनी फंडिग केस में गिरफ्तारी को दी चुनौती

Newsclick Case: डिजिटल न्यूज वेबसाइट Newsclick के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और कंपनी के एचआर हेड अमित चकवर्ती ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 16 Oct 2023 4:12 PM IST
Newsclick founder reaches Supreme Court, challenges arrest in alleged Chinese funding case
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 सुप्रीम कोर्ट पहुंचे Newsclick के फाउंडर, कथित चीनी फंडिग केस में गिरफ्तारी को दी चुनौती: Photo- Social Media

Newsclick Case: डिजिटल न्यूज वेबसाइट Newsclick के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और कंपनी के एचआर हेड अमित चकवर्ती ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए पुरकायस्थ को दिल्ली हाईकोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद अब वे शीर्ष अदालत की शरण में पहुंचे हैं। उन्होंने राष्ट्र विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए कथित चीनी फंडिंग को लेकर यूएपीए के तहत हुई अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती दी है।

जाने-माने वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय में न्यूजक्लिक के फाउंडर का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि 75 साल के पत्रकार को बिना नोटिस गिरफ्तार किया गया है, जो सही नहीं। सिब्बल ने अदालत से जल्द मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे।

इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के मामले में राहत प्रदान करने से इनकार करते हुए प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को बड़ा झटका दिया था। जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा, दोनों याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं है, इसलिए खारिज की जाती है।

3 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए थे पुरकायस्थ

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को न्यूजक्लिक के दफ्तर समेत 88 ठिकानों पर छापेमारी की थी। स्पेशल सेल ने 9 महिला पत्रकारों सहित 46 लोगों से पूछताछ की थी। करीब 300 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए गए। शाम को कंपनी के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चकवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने अगले दिन दोनों को सात दिन की न्य़ायिक हिरासत में भेज दिया था। 10 अक्टूबर को निचली अदालत ने दोनों की रिमांड 10 दिन के लिए और बढ़ा दी।

दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि पुरकायस्थ ने पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) ग्रुप के साथ 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश रची थी। उनपर कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश को भी विवादित क्षेत्र के तौर पर प्रचारित करने का आरोप है। एफआईआर में उनपर देश के नक्शे के साथ छेड़छाड़ कर एकता और क्षेत्रीय अखंडता पर प्रहार करने का भी आरोप लगाया है।

यूएपीए के तहत दर्ज है केस

5 अगस्त को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था। सिंघम चीनी प्रोपोगेंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनियाभर के देशों में फंडिंग करते हैं। आरोप है न्यूजक्लिक को अमेरिकी अरबपति से 38 करोड़ रूपये मिले थे। इसी आधार पर इस साल 17 अगस्त को मीडिया संस्थान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानूनी यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।



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Shashi kant gautam

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