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#Delhipollution : NGT ने इन कड़ी शर्तों के साथ दी Odd-Even को मंजूरी
बढ़ते प्रदूषण को लेकर शनिवार को भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को शर्तों के साथ ऑड-ईवन स्कीम लागू करने की मंजूरी दी है।
नई दिल्ली : बढ़ते प्रदूषण को लेकर शनिवार को भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई हुई। एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को शर्तों के साथ ऑड-ईवन स्कीम लागू करने की मंजूरी दी है। एनजीटी ने कहा है कि अब टू-व्हीलर्स, महिलाओं, वीवीआईपी और सरकारी कर्मचारियों को ऑड-ईवन में राहत नहीं मिलेगी। इस स्कीम में सिर्फ ऐंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज के लिए छूट रहेगी। जो गाड़ियां सीएनजी से चलती हैं, वे इस बार भी ऑड-ईवन के दायरे से बाहर रहेंगी। हालांकि इसके लिए वाहन पर सीएनजी स्टिकर जरूरी है। एनजीटी की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन स्कीम को 13 से 15 नवंबर तक लागू करने का फैसला किया था। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर पर काबू पाने के लिए पार्किंग की फीस को चार गुना बढ़ा दिया था इस पर भी दोबारा विचार करने का निर्देश एनजीटी ने दिया है।
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दिल्ली में मचेगा हाहाकार
दिल्ली में सार्वजानिक परिवहन के पर्याप्त संसाधन फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। इस फैसले के बाद दिल्ली में हाहाकार मच सकता है। इस दौरान दिल्ली सरकार ने डीटीसी बसों में फ्री सफर का ऐलान किया है। दिल्ली में 6 हजार बसों की कमी है। अगर किसी दूसरे राज्य से दिल्ली पहुंच रहे हैं तो भी यह नियम आप पर लागू होगा।
एनजीटी ने अपने फैसले में इस बार किसी को भी इस योजना के तहत छूट नहीं दी है। एनजीटी ने फैसले में कहा कि अगर 48 घंटे में पीएम-10 लेवल 300 और पीएम-2.5 500 से ऊपर ज्यादा होता है, तो आगे भी ऑड-ईवन ऑटोमैटिक लागू हो जाएगा।। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अनुमान के अनुसार 48 घंटे तक बारिश नहीं होती है तो किसी माध्यम से पानी का छिड़काव भी कराना होगा।
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एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। जब ये बताया गया कि बारिश करवाने से पॉल्यूशन कम होगा, ऐसा क्यों नहीं किया गया। इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार से वो चिट्ठी दिखाने को कहा जिसके आधार पर ऑड-ईवन लागू किया जा रहा है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से ये भी पूछा कि क्या आपने एलजी से इस बारे में अनुमति ली है।
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एनजीटी ने शनिवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से पूछा कि आखिर ऑड ईवन योजना को तब शुरू क्यों नहीं किया गया, जब प्रदूषण अपने पीक पर था। यह फैसला 10 दिन पहले क्यों नहीं लिया गया। सुनवाई में सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि उन्होंने मौखिक तौर पर दिल्ली सरकार को चेताया था, हालांकि दिल्ली सरकार ने इस बात को नकार दिया।
क्या है ऑड ईवन स्कीम ?
ऑड ईवन स्कीम के तहत 1,3,5,7 और 9 (ऑड नंबर) नंबर वाली गाड़ियां एक दिन और दूसरे दिन 2,4,6,8 और 0 (ईवन नंबर) नंबर की गाड़ियां चलेंगी। इसका मतलब यह हुआ कि पहले दिन ऑड नंबर वाली और दूसरे दिन ईवन नंबर वाली गाड़ियां चलेंगी। कैलाश गहलोत ने इसके नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि 13,15 और 17 को ऑड नंबर की गाड़ियां और 14 व 16 को ईवन नंबर की गाड़ियां सड़कों पर चलेंगी।
वायु गुणवत्ता सूचकांक में क्या है पीएम2.5 प्रदूषण स्तर?
पीएम2.5 ऐसे प्रदूषणकारी तत्वों को दर्शाते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। ठोस प्रदूषक तत्वों और तरल पदार्थों के मिश्रण से बने ऐसे कण व्यक्ति के फेफड़ों और रक्त प्रवाह तक पहुंच सकते हैं और सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। फिलहाल, दिल्ली का पीएम2.5 स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक से 20 गुना अधिक है।