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NGT का विमान कंपनियों को आदेश- आकाश में मल गिराना करें बंद, नहीं तो लगेगा भारी जुर्माना
नई दिल्ली: आप हवाई यात्रा करते हैं तो क्या कभी ये सोचा है कि विमान के शौचालयों के इस्तेमाल के बाद उसकी गंदगी का क्या होता है? उसका निपटारा कहां किया जाता है? ये सवाल इस वक्त इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी ने सभी विमान कंपनियों को प्लेन उतरने से पहले टॉयलेट खाली न करने का आदेश दिया है। यदि कोई एयरलाइन इस आदेश का उल्लंघन करती पाई जाती है तो उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे (आईजीआई एयरपोर्ट) के करीब रहने वाले एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उनकी छत से गुज़रने वाले विमान अपनी टंकियों से मल-मूत्र गिराते हैं। एनजीटी ने इसी याचिका पर फैसला सुनाया है।
वेस्ट टैंक खाली मिले तो लगेगा जुर्माना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आगे कहा, कि डीजीसीए निर्देश जारी करे ताकि विमानों का अचानक निरीक्षण हो और ये पता चल सके कि वो उड़ते वक्त कहीं शौचालय के वेस्ट टैंक खाली तो नहीं कर रहे। यदि कोई भी विमान इस निर्देश का उल्लंघन करता है या लैंडिंग के समय टैंक खाली पाया जाता है तो उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
भोपाल में भी गिरा था मल
ज्ञात हो, कि इस साल की शुरुआत में मध्यप्रदेश की राजरानी गौड़ के ऊपर बर्फ का एक बड़ा सा टुकड़ा गिरा था। फुटबॉल के आकार का बर्फ का यह टुकड़ा राजरानी को घायल कर गया था। लेकिन ये सिर्फ बर्फ नहीं थी। जमा हुआ पानी भी नहीं था, कुछ और चीजें थीं। इसे 'ब्लू आइस' कहा जाता है।
क्या है 'ब्लू आइस'?
विमानन विशेषज्ञ इसे 'ब्लू आइस' यानी 'नीली बर्फ' कहते हैं। ये नीली बर्फ दरअसल जमा हुआ मानव मल है, जो कभी-कभी हवाई जहाज के टॉयलेट से गिर जाता है यह नीला इसलिए होता है क्योंकि टॉयलेट में बदबू कम करने के लिए इसमें रसायन मिलाया जाता है।