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NIA Raid : UP विधानसभा थी PFI आतंकियों के निशाने पर, कर चुके थे रेकी, प्रदेश से अब तक 8 गिरफ्तार

NIA ने PFI तथा उससे जुड़े तार पर देशभर में छापेमारी की है। NIA की चौतरफा कार्रवाई से हड़कंप मचा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ये कार्रवाई टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने मामले में हुई है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 22 Sept 2022 10:30 AM IST (Updated on: 22 Sept 2022 10:42 AM IST)
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NIA Raid : राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) तथा उससे जुड़े तार पर देशभर में छापेमारी की है। NIA की चौतरफा कार्रवाई से हड़कंप मचा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ये कार्रवाई टेरर फंडिंग और टेरर कैम्प चलाने मामले में हुई है। बता दें कि, बीते कुछ समय से NIA ने इस मामले में करीब दर्जनभर से अधिक केस दर्ज किए हैं, जिनमें पीएफआई का लिंक जुड़ा मिला है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED, एनआईए तथा राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े लगभग 100 से भी ज्यादा लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां 10 से ज्यादा राज्यों में हुई हैं।

इसी कड़ी में NIA की ताजा छापेमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग और लखनऊ के इंदिरा नगर में भी हुई है। जानकारी के अनुसार इस छपेमारी में PFI से जुड़े कई लोग गिरफ्तार हुए हैं।

UP विधानसभा थी PFI आतंकियों के निशाने पर, कर चुके थे रेकी

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ से पीएफआई के जिन संदिग्धों को उठाया गया है उनके पास से विस्फोटक बरामद हुआ है। संदिग्धों से पूछताछ में अहम जानकारी भी मिली है। सूत्रों का कहना है कि इन संदिग्ध आतंकवादियों ने कुछ दिन पहले ही विधानसभा की रेकी भी की थी। ये लखनऊ में किसी बड़े कांड की साजिश रच रहे थे। उनका मकसद राजधानी लखनऊ में दहशत फैलाना था। एनआईए के सहयोग से ATS ने इनकी गिरफ्तारी की है।

यूपी में NIA और ATS की ताबड़तोड़ छापेमारी

NIA और ATS की 4 टीमें यूपी में छापेमारी कर रही हैं। लखनऊ, नोएडा, वाराणसी में छापेमारी जारी है। लखनऊ के इंदिरा नगर से एक संदिग्ध हिरासत में लिया गया है। उसके पास से विस्फोटक बरामद हुए हैं। लखनऊ से 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। यूपी में अब तक 8 लोगों के हिरासत में लिया जा चुका है। लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के शक्ति नगर इलाके से वसीम उर्फ़ बबलू और लवकुश नगर से एक संदिग्ध गिरफ्तार हुआ है। बाराबंकी के अनवारी से भी एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

लखनऊ से एक संदिग्ध गिरफ्तार

देश के 10 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर NIA और ईडी की छापेमारी जारी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर से भी एक संदिग्ध आतंकी को अहम दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में छापेमारी हुई है उसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना है। इन राज्यों में NIA का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है।

हैदराबाद में PFI का दफ्तर सील, विरोध शुरू

हैदराबाद में पीएफआई का दफ्तर सील कर दिया गया है। केरल में पीएफआई के 50 ठिकानों पर छापेमारी हुई है। अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, इस छापेमारी के खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। बता दें यह छापेमारी आतंकी कनेक्शन और फंडिंग को लेकर हो रही है। यही वजह है कि एनआईए और ईडी के अफसर एक साथ 10 राज्यों में यह कार्यवाही कर रहे हैं।

PFI पर केंद्रीय एजेंसियों की लंबे समय से टेढ़ी नजर

पीएफआई के खिलाफ हो रही छापेमारी में उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और फंडिंग को लेकर जांच बताई जा रही है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पीएफआई के दफ्तरों पर ताबड़तोड़ एक्शन हुआ है। इससे पहले भी उनके ठिकानों पर छापेमारी की कार्यवाही की गई है। पीएफआई का नाम देश और राज्यों में माहौल खराब करने में लगातार सामने आता रहता है। वह चाहे शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी को लेकर लंबे समय तक चले आंदोलन हो या फिर उत्तर प्रदेश के हाथरस में हिंसा भड़काने का मामला हो या कानपुर की हिंसा हो इस संगठन की संलिप्तता के सबूत जांच एजेंसियों को मिलते रहे हैं। पीएफआई ऐसे मौकों पर मोटी रकम खर्च कर देश, प्रदेश का माहौल खराब करने के लिए जाना जाता है और इसके कई बार सबूत भी मिले हैं।

क्या है PFI?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई इस्लामिक संगठन है। यह संगठन वैसे तो पिछड़े, अल्पसंख्यकों के आवाज उठाने के लिए अपने आपको बताता है लेकिन इनका मकसद देश में माहौल खराब करने के लिए ज्यादा जाना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में PFI की स्थापना हुई थी।

केरल में मजबूत पैठ

यह संगठन सबसे ज्यादा केरल में मजबूत है। केरल के कालीकट में इसकी गहरी पैठ मानी जाती है। हालांकि, इसका मुख्यालय दिल्ली का शाहीनबाग बताया जाता है। जहां पर सीएए, एनआरसी के विरोध में 100 दिन से ज्यादा तक आंदोलन चला था। इसकी ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिम संगठन होने के कारण मुस्लिमों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। पीएफआई देश के 24 राज्यों तक फैल चुका है। कहीं पर इनके कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा है कहीं पर अभी यहां अपना विस्तार करने में लगे हुए हैं। पीएफआई पर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बैन की मांग उठ चुकी है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इसे बैन करने की मांग कर चुके हैं।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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