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Gogamedi Murder Case: गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच अब एनआईए को, जांच एजेंसी ने दर्ज किया केस, जानिए क्यों उठी थी यह मांग
Gogamedi Murder Case: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जांच एनआईए को सौंपी गई है। एनआईए ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।
Gogamedi Murder Case: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जांच एनआईए को सौंपी गई है। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने इसे लेकर आदेश जारी किए। इसके तुरंत बस एनआईए ने मामला दर्ज कर लिया। एनआईए की टीम जल्द ही मामले की जांच शुरू करेगी। इसे लेकर एनआईए की टीम जयपुर भी आ सकती है।
क्या है सुखदेव सिंह हत्याकांड?
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में उसके घर पर 5 दिसंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने घर में घुसकर सुखदेव को गोलियों से भून दिया था। इस हमले में गोली लगने से घायल हुए सुरक्षाकर्मी अजीत सिंह को भी कुछ दिन चले इलाज के बाद मौत हो गईं थी। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद से राजस्थान में तनाव के हालत हो गए थे। कई जिलों में प्रदर्शन भी हुए थे। वहीं 10 दिसंबर को पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मुख्य शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ के साथ एक अन्य आरोपी उधम को चंडीगढ़ से पकड़ा था।
आखिर क्यों सौंपी गई एनआईए को जांच?
दरअसल, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया था। करणी सेना के पदाधिकारियों ने दावा किया था कि गोगामेड़ी की हत्या पाकिस्तान ने कराई है। उन्हें, पाकिस्तानी नंबरों से जान से मारने की धमकियां भी मिल रहीं थीं।
क्यों आंतकियों के निशाने पर थे गोगामेड़ी
15 अगस्त 2018 को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने करणी सेना के सदस्यों के साथ लाल चैक पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद से ही वे आतंकियों के निशाने पर थे। करणी सेना के पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया था कि पाकिस्तान से सुखदेव दादा को जान से मारने की धमकी मिली थी। लाल चैक पर तिरंगा फहराने के बाद से ही वे आतंकियों के निशाने पर थे। करणी सेना के पदाधिकारियों ने पिछले साल एक प्रेसवार्ता कर गहलोत सरकार और राजस्थान पुलिस से उन्हें सुरक्षा देने का आग्रह भी किया था।
वीडियो भी आया था सामने
गोगामेड़ी की हत्या का कारण पुलिस की लापरवाही को भी माना गया था। जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद गोमामेड़ी ने कई बार पुलिस से सुरक्षा मांग की थी, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई थी। इसे लेकर उनका एक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें वे कह रहे थे कि जान से मारने की धमकियां मिलने की शिकायत की थी। लेकिन, तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस और प्रशासन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि धमकियां पाकिस्तान से मिल रहीं हैं या फिर इंटरनेट के जरिए दी जा रही हैं। अब हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपी गई है।