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Nijjar Murder case : भारत ने कनाडा से उच्चायुक्त समेत छह राजनयिक वापस बुलाये, रिश्ते और बिगड़े

Nijjar Murder case : भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध सोमवार को उस समय और भी खराब हो गए जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नई दिल्ली के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।

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Newstrack Network
Published on: 14 Oct 2024 7:44 PM IST (Updated on: 14 Oct 2024 9:11 PM IST)
Nijjar Murder case : भारत ने कनाडा से उच्चायुक्त समेत छह राजनयिक वापस बुलाये, रिश्ते और बिगड़े
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Nijjar Murder case : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत-कनाडा रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती ही जा रही है। ताजा घटनाक्रम में कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों कोबीस हत्याकांड में लपेटने के बाद भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा को वापस बुला लिया है।

कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में संजय वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों की संलिप्तता का आरोप मढ़ा था जिसे भारत ने सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बेतुका और वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताया है।

भारत ने ओटावा में अपने उच्चायोग और टोरंटो तथा वैंकूवर में वाणिज्य दूतावासों से संजय वर्मा सहित कुल छह राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। राजनयिकों को वापस बुलाने के फैसले के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है।" भारत ने कहा है कि वह अपने देश के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद के लिए ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

उच्चायुक्त संजय वर्मा को पिछले सप्ताह ग्लोबल अफेयर्स कनाडा या विदेश मंत्रालय द्वारा बुलाया गया था और एक नोट वर्बेल या बिना हस्ताक्षर वाला राजनयिक पत्राचार दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि कनाडाई कानून प्रवर्तन अधिकारी निज्जर की हत्या के संबंध में भारतीय राजनयिकों से पूछताछ करना चाहते हैं। अब भारत द्वारा क्रिस्टोफर कूटर को भारत में अगले कनाडाई उच्चायुक्त के रूप में मान्यता देने से इनकार करने की उम्मीद है। जून में कैमरून मैके के नई दिल्ली छोड़ने के बाद से यह पद रिक्त है।

क्या कहा विदेश मंत्रालय ने

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कनाडा के प्रभारी (डी’अफेयर्स) को तलब किया गया और उन्हें बताया गया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को आधारहीन तरीके से निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

सख्त आपत्ति

भारत ने कनाडा की ट्रूडो सरकार के "राजनीतिक एजेंडे" की कड़ी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय ने मीडिया को दिए गए एक कड़े बयान में कहा कि भारत इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करता है और इन्हें जस्टिन ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराता है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।

बयान में कहा गया है कि कनाडा सरकार ने तब से कोई सबूत पेश नहीं किया है जब से उसने आरोप लगाया कि भारत कथित हत्या की साजिश में शामिल था। जब से प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए हैं, तब से कनाडा सरकार ने हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया है। यह नवीनतम कदम उन बातचीत के बाद उठाया गया है जिसमें फिर से बिना किसी तथ्य के दावे किए गए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा का नवीनतम कदम दिखाता है कि जांच के बहाने "राजनीतिक लाभ के लिए भारत को बदनाम करने की एक जानबूझकर रणनीति" है।

कनाडा के पीएम की शत्रुता

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के प्रति प्रधानमंत्री ट्रूडो की "शत्रुता" लंबे समय से देखी जा रही है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो भारत के बारे में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं। दिसंबर 2020 में भारतीय आंतरिक राजनीति में उनके खुले हस्तक्षेप ने दिखाया कि वे इस संबंध में किस हद तक जाने को तैयार हैं। यह कि उनकी सरकार एक राजनीतिक दल पर निर्भर थी, जिसके नेता भारत के खिलाफ खुले तौर पर अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं, ने मामले को और बढ़ा दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रूडो ने अब कनाडा की राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप पर आलोचना से होने वाले नुकसान को कम करने के प्रयास में जानबूझकर भारत का नाम घसीटा है।

भारत ने दोहराया कि ट्रूडो सरकार ने जानबूझकर हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में भारतीय राजनयिकों और सामुदायिक नेताओं को परेशान करने, धमकाने और डराने के लिए जगह दी है। बयान में कहा गया है कि कनाडा में अवैध तरीके से प्रवेश करने वाले भारतीयों को त्वरित गति से कनाडा की नागरिकता दी जा रही है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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