दिल्ली में निर्भया जैसा कांड, खौफनाक वारदात के 25 दिन बाद ऐसे हत्थे चढ़े तीन दरिंदे

Delhi Gangrape Case : दिल्ली में एक बार फिर निर्भया जैसा कांड सामने आया है, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को शर्मसार कर दिया है।

Network
Newstrack Network
Published on: 7 Nov 2024 2:41 PM GMT (Updated on: 7 Nov 2024 3:39 PM GMT)
दिल्ली में निर्भया जैसा कांड, खौफनाक वारदात के 25 दिन बाद ऐसे हत्थे चढ़े तीन दरिंदे
X

Delhi Gangrape Case : दिल्ली में एक बार फिर निर्भया जैसा कांड सामने आया है, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को शर्मसार कर दिया है। यहां एक ओडिशा की रहने वाली 34 वर्षीय युवती के साथ तीन दरिंदों ने बेरहमी के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। इस मामले की जांच और कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि युवती के साथ 10 अक्टूबर को सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था।

पुलिस के डिप्टी कमिश्नर रवि कुमार सिंह के मुताबिक, 11 अक्टूबर को दक्षिण पूर्व दिल्ली के सराय काले खां इलाके के पास खून से लथपथ एक महिला के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे, जहां पीड़िता को नाजुक हालत में पाया गया और उसे मेडिकल जांच और देखभाल के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर पीड़िता ने एक बयान में बताया कि उसके साथ तीन लोगों ने यौन उत्पीड़न किया।

उन्होंने बताया कि पीड़िता मानसिक रोग से ग्रसित है, इस वजह से वह जांच में सहयोग नहीं कर सकी। इसके बाद एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रबंधन कर्मचारियों से अनुमति लेकर पीड़िता के साथ एक महिला अधिकारी संगीता को लगाया गया, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर उसके साथ रही। इसके साथ ही ओड़िया में बात करने के लिए ओडिशा की एक नर्स को भी पीड़िता की देखभाल और उससे महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया।

पुलिस ने बताया कि महिला अधिकारी ने जब पीड़िता का विश्वास जीत लिया, तब उससे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सकी। इस दौरान पीड़िता ने उसे बताया कि एक ऑटोरिक्शा चालक और उसके दो साथियों ने उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है। इनमें से एक आरोपी शारीरिक रूप से विकलांग था। घटना के समय और स्थान के बारे में पीड़िता जानकारी नहीं दे सकी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए 10 टीमें गठित कीं और योजना बनाते हुए 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों और 150 से अधिक संदिग्ध ऑटोरिक्शा चालकों की जांच की। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिल सकी। पुलिस ने पहली गिरफ्तारी 30 अक्टूबर को की। इसके बाद दो अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया गया।


ये हुए गिरफ्तार

पुलिस ने तीन आरोपी प्रभु महतो, प्रमोद उर्फ बाबू और मोहम्मद शमसुल उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रभु महतो (28) पुत्र रामायण महतो बिहार का रहने वाला है, वह दो महीने पहले ही दिल्ली आया था। वह दिल्ली छोड़कर बिहार जाने की फिराक में था। यह ऑटो चलाता है। दूसरा आरोपी प्रमोद उर्फ बाबू पुत्र गुरदीन तिलक, जो उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के अकबरपुर तहसील के अमरतार गांव का रहने वाला है। वह तिलक ब्रिज के पास चांद मोहम्मद की कबाड़ की दुकान पर काम करता है। इस परिवार करीब 20 साल से दिल्ली में ही रह रहा है। वहीं, तीसरा आरोपी मोहम्मद शमसुल उर्फ राजू (29) पुत्र मोहम्मद खलील बिहार का निवासी है, जो विकलांग है और फुटपाथ पर रहता है।

9 मई को दिल्ली आई थी पीड़िता

पुलिस के मुताबिक, पीड़िता ओडिशा की रहने वाली है। उसने भुवनेश्वर की उत्कल यूनिवर्सिटी से समाज कार्य में परास्नातक किया है। बीते करीब आठ सालों से वह सामाजिक कार्य कर रही है। उसने एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के लिए भी कार्य किया है। इसके साथ ही स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति के साथ काम कर रही है। वहीं, वन स्टॉप सेंटर में काउंसलर के रूप में काम किया है। बताया जा रहा है कि पीड़िता 9 मई को अपने परिवार को बताए बिना दिल्ली आई थी। उसके माता-पिता ने 9 जून को पुरी के कुंभारपाड़ा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story