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NITI Aayog Meeting : सीएम ममता बनर्जी के आरोपों में कितनी सच्चाई, नीति आयोग ने बताई
NITI Aayog Meeting : नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि बंगाल की सीएम को पहले वक्त दिया गया, क्योंकि उन्होंने लंच से पहले बोलने का समय मांगा था। उन्हें समय अलॉट किया गया, उन्होंने निर्धारित वक्त तक अपनी बात भी रखी।
NITI Aayog Meeting : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने पहुंची थीं, लेकिन कुछ ही देर बाद वह वापस आ गईं थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बोलने के लिए पांच मिनट का भी वक्त नहीं दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने माइक को बंद करने का आरोप लगाया था। सीएम ममता बनर्जी के आरोपों पर नीति आयोग ने सफाई दी है।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि बंगाल की सीएम को पहले वक्त दिया गया, क्योंकि उन्होंने लंच से पहले बोलने का समय मांगा था। उन्हें समय अलॉट किया गया, उन्होंने निर्धारित वक्त तक अपनी बात भी रखी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने निर्धारित समय सात मिनट तक अपनी बात रखी। इसके बाद समय पूरा होने पर जब घड़ी में जीरो टाइम रिफ्लेक्ट हुआ तब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने टैप करके उनको इशारा किया। इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त समय भी नहीं मांगा। इसके बाद वह यह कहकर चली गईं कि मुझे नहीं बोलना है।
कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम ने बैठक से किया किनारा
सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि गवर्निंग काउंसिल की बैठक में 26 मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल शामिल हुए हैं, जबकि आठ राज्य और दो केंद्रशासित राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जो राज्य बैठक में शामिल नहीं हुए, इसमें उनका नुकसान है। बता दें कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और आम आदमी पार्टी ने बैठक से पहले ही किनारा कर लिया था।
बंगाल के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता
बता दें कि ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक से निकलने के बाद सीधे कोलकाता चली गईं। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। उनके माइक को बार-बार बंद कर दिया गया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा यदि वह कुछ राज्यों को अधिक धनराशि आवंटित करता है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है, लेकिन पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।