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केंद्र सरकार पर त्रिपुरा के जनजातीय निकाय को धन जारी न करने का आरोप

Rishi
Published on: 22 July 2017 11:17 AM GMT
केंद्र सरकार पर त्रिपुरा के जनजातीय निकाय को धन जारी न करने का आरोप
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अगरतला : वाम शासित त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्तशासी जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के आदेश पर नीति आयोग ने नियमित रूप से धन जारी न कर इस स्वायत्तशासी परिषद के खिलाफ 'वित्तीय नाकेबंदी' शुरू कर दी है।

परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य राधा चरण देबबर्मा ने यहां शनिवार को कहा, "भाजपा नीत केंद्र सरकार के निर्देश पर नीति आयोग ने निधियों को नियमित आधार पर जारी नहीं कर टीटीएएडीसी के खिलाफ 'वित्तीय नाकेबंदी' शुरू कर दी है।"

उन्होंने कहा, "पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में नीती आयोग ने टीटीएएडीसी को 176 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन इस वर्ष (2017-18) उसने परिषद के लिए 200 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 73 करोड़ रुपये जारी किए हैं।"

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देबबर्मा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक वयोवृद्ध जनजातीय नेता हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा दावा कर रही है कि टीटीएएडीसी जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए ठीक से काम नहीं कर रही है।उन्होंने कहा, "टीटीएएडीसी केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के चलते वित्तीय संकट के बावजूद काम कर रहा है। हालांकि, जनजातीय परिषद राज्य सरकार की मदद से अपनी पूरी कोशिश से किसी तरह काम कर रही है, इसका प्रदर्शन पूर्वोत्तर राज्यों में 16 स्वायत्तशासी जनजातीय परिषदों में सबसे बेहतर है।"

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टीटीएएडीसी की स्थापना 1985 में की गई थी। इसके क्षेत्राधिकार में त्रिपुरा का 10,491 वर्ग किमी क्षेत्र है, जोकि राज्य का दो-तिहाई हिस्सा है। इसमें 12,16,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर जनजातीय है। त्रिपुरा की आबादी में जनजातियों की संख्या करीब 40 लाख है।

त्रिपुरा की जनजाति आधारित पार्टी, इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) टीटीएएडीसी को अपग्रेड करके एक अलग राज्य बनाने के लिए 2009 से ही आंदोलन चला रही है। आईपीएफटी ने इस महीने की शुरुआत में त्रिपुरा की जीवन रेखा माने जानेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग 8 और इकलौती रेल लाइन को 11 दिनों तक अवरुद्ध कर रखा था। इसके कारण राज्य में आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई थी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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