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Nitin Gadkari Statement: यूज एंड थ्रो की प्रवृत्ति गलत, अच्छे दिन हों या बुरे, हमेशा थामे रहें हाथ
Nitin Gadkari Statement Today: भाजपा की ओर से पुनर्गठित चुनाव समिति में भी गडकरी को शामिल नहीं किया गया था। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर हैरानी भी जताई जा रही है।
Nitin Gadkari News: भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है। नागपुर में शनिवार को उद्यमियों की एक सभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि किसी को कभी भी इस्तेमाल करके फेंकने की प्रवृत्ति उचित नहीं है। अगर किसी का हाथ थाम लें तो अच्छे दिन हों या बुरे दिन, हमेशा हाथ थामे रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का अंत हारने पर नहीं होता बल्कि तब होता है जब वह काम करना छोड़ देता है।
नितिन गडकरी के इस बयान का सियासी मतलब निकाला जा रहा है। भाजपा ने हाल में अपने संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव करते हुए गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इससे बाहर कर दिया था। भाजपा की ओर से पुनर्गठित चुनाव समिति में भी गडकरी को शामिल नहीं किया गया था। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर हैरानी भी जताई जा रही है। ऐसे में गडकरी के मौजूदा बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मैदान छोड़कर भागने से होती है हार
उद्यमियों की सभा ने गडकरी ने कहा कि चाहे जीवन का कोई भी क्षेत्र हो, उसमें मानवीय संबंध ही सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए किसी को इस्तेमाल करके फेंक देने की प्रवृत्ति उचित नहीं है और हमें इस दौड़ में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, किसी का हाथ थाम लेने पर उसका हमेशा साथ देना चाहिए। सिर्फ उगते सूरज की ही पूजा नहीं की जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पराजित होने पर किसी व्यक्ति की हार नहीं होती बल्कि व्यक्ति की हार तब होती है जब वह पराजित होने के बाद कोई काम करना छोड़ देता है।
गडकरी ने कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर को याद करते हुए एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि जिचकर ने अच्छे भविष्य के लिए मुझे कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। इस पर मैंने उन्हें जवाब दिया था कि मैं कुएं में कूदकर मर जाना पसंद करूंगा मगर कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा। इसका कारण यह था कि मुझे कांग्रेस की विचारधारा पसंद नहीं थी।
मौजूदा सियासी माहौल में गडकरी के बयान को काफी अहम माना जा रहा है। भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद अभी तक गडकरी ने खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है मगर सियासी जानकारों का मानना है कि उन्होंने इशारों में बड़ी बात करने की कोशिश की है।
कृषि क्षेत्र में विविधता लाने की सलाह
इससे पहले गडकरी ने शनिवार को ही मुंबई में किसानों को कृषि के क्षेत्र में विविधता लाने की सलाह दी। गडकरी ने कहा कि हमारी 70 फ़ीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है मगर कृषि के क्षेत्र में हमारी विकास दर सिर्फ 12-13 फ़ीसदी ही है। उन्होंने कहा कि चीनी के उत्पादन से ज्यादा ध्यान उससे जुड़े हुए अन्य उत्पादों पर लगाना चाहिए। भविष्य की टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखते हुए उसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए ताकि किसानों को ज्यादा फायदा हासिल हो सके।
उन्होंने कहा कि अगर हम दुनिया के दूसरे देशों को देखें तो कृषि के क्षेत्र में विविधता लाने पर खासा जोर दिया जा रहा है क्योंकि इसके जरिए किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। हमारे देश के किसानों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि देश की आर्थिक नींव को और मजबूती दी जा सके।