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Politics: आखिर गडकरी ने क्यों कहा-फसल बढ़ने पर बीमारियां भी बढ़ती हैं, कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी
Politics: उन्होंने कहा-जब एक हजार कार्यकर्ता खड़े होते हैं। मगर कभी एक कार्यकर्ता कुछ ऐसा कह देता है, जिससे सभी की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सीनियर लीडर नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है। उनका यह बयान अब काफी चर्चा में है। गडकरी ने भाजपा में अन्य दलों से आने वाले नेताओं को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अन्य दलों से आने वाले नेताओं को भाजपा की संस्कृति और काम के बारे में प्रशिक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। गडकरी ने कहा कि भाजपा न पीएम मोदी और न ही मेरी पार्टी है। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है। कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए अपना पूरा जीवन समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जब एक हजार कार्यकर्ता खड़े होते हैं। मगर कभी एक कार्यकर्ता कुछ ऐसा कह देता है, जिससे सभी की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
उन्होंने कहा कि पार्टी का लगातार विस्तार हो रहा है। भाजपा की फसल तेजी से बढ़ रही है। जब फसल बढ़ती है तो बीमारियां भी आती हैं। पार्टी में कुछ फसलें अच्छी पैदावार देती हैं। मगर कुछ अपने साथ बीमारियां लाती हैं। इन बीमार फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करना होगा।
पार्टी की विचारधारा से अवगत कराना जरूरी
नितिन गडकरी ने कहा कि अन्य दलों से लोग अलग-अलग कारणों से पार्टी में आ रहे हैं। उन्हें पार्टी की विचारधारा और संस्कृति से अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि एक हजार कार्यकर्ता खड़े होते हैं। मगर कभी एक कार्यकर्ता कुछ ऐसा कह देता है, जिससे सभी की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी
वर्धा की एक रैली में गडकरी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी हमेशा ग्रामीण भारत की उपेक्षा करती रही है। गडकरी ने कहा कि अगर कांग्रेस ग्रामीण भारत के विकास को प्राथमिकता देती तो आज किसानों को खुदकुशी नहीं करनी पड़ती। गांवों में गरीबी कम होती।
गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अपनी सरकार में संविधान संशोधन किया है। मगर अब आरोप भाजपा पर लगा रही है। गडकरी ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए।
20 नवंबर को होगा मतदान
बता दें कि 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन यह तय हो जाएगा कि प्रदेश की सत्ता किसको मिलने वाली है। यहां मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच है।