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E–Vehicle: अब इलेक्ट्रिक ट्रक और ट्रैक्टर की बारी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की बड़ी घोषणा
E–Vehicle: राज्य स्तरीय शुगर कांफ्रेस को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों और बसों के बाद मैं बहुत जल्द इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक को लॉन्च करूंगा।
India E–Vehicle: इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) और बस के बाद अब बहुत जल्द भारतीय वाहन बाजार में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक देखने को मिलेंगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को पुणे में इसे लेकर बड़ी बात कही है। राज्य स्तरीय शुगर कांफ्रेस को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारों और बसों के बाद मैं बहुत जल्द इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक को लॉन्च करूंगा।
वैकल्पिक ईंधन पर जोर (alternative fuel)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन (alternative fuel) के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि कृषि और निर्माण उपकरणों में हम किस तरह से इसका प्रयोग कर सकते हैं इसका प्रयास चल रहा है। बकौल गडकरी वैक्लपिक ईंधन ही ऊर्जा का एक नया भविष्य है। उन्होंने कहा कि हमें अब चीनी उत्पादन से एथेनॉल उत्पादन पर जोर देने की जरूरत है। ब्राजील का उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंचे तो ब्राजील ने एथेनॉल बनाना शुरू कर दिया था और इससे भारत से चीनी की मांग बढ़ जाती है। जब कच्चे तेल के दाम घटे तो ब्राजील ने भी चीनी उत्पादन शुरू कर दिया।
जल्द लॉन्च करूंगा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि तीन साल पहले जब मैं इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में बात करता था तो लोग मुझसे कई तरह के सवाल करते थे। मगर अब देखिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की जबरदस्त मांग है और ये रोज बढ़ रही है। गडकरी ने कहा कि कार और बसों के बाद अब मैं जल्द इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक लॉन्च करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि एथेनॉल और मिथेनॉल (ethanol and methanol) की तरह इलेक्ट्रिक भी भविष्य है।
पेट्रोलियम का आयात अर्थव्यवस्था पर बोझ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में लगातार बढ़ रही पेट्रोलियम की मांग (demand for petroleum) का उल्लेख करते हुए कहा कि आज देश ईंधन और बिजली की जरूरतें पूरी करने के लिए हर साल 10 लाख करोड़ का पेट्रोलियम आयात करता है, अगले पांच सालों में मांग में इजाफा होने से आयात का खर्च 25 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच सकता है। इतना भारी भरकम आयात का अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा असर पड़ेगा, इसलिए हमें वैक्लपिक ईंधन के स्त्रोत अभी से खोजने होंगे।
बता दें कि दुनियाभर में ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण कोहराम मचा हुआ है। भारत के लोग भी इसके असर से अछूते नहीं हैं। ईंधन की कीमतों में उछाल महंगाई का एक बड़ा कारक भी बनती हैं। ऐसे में वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है।