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बिहार विधानसभा में विपक्ष के हंगामे पर भड़के नीतीश कुमार, पूछा सवाल-यूपीए सरकार ने क्यों नहीं दिया विशेष राज्य का दर्जा
Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session: नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि आरक्षण के मुद्दे पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है।
Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन आज विपक्षी दलों ने विशेष राज्य के दर्जे और आरक्षण की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं से शांत रहने की अपील की मगर फिर भी हंगामा जारी रहा तो नीतीश कुमार भड़क गए।विपक्ष के रवैए से नाराज नीतीश कुमार ने विपक्षी विधायकों को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आरक्षण के मुद्दे पर पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी दलों पर भी नीतीश ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम तो 2010 से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उस समय कांग्रेस की अगुवाई में केंद्र में यूपीए की सरकार थी। इसलिए कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया।
नीतीश ने मांगा कांग्रेस से जवाब
विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास के सारे काम हमने ही किए हैं और इसलिए हम तो सुनाएंगे ही। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हंगामा करने वाले विपक्ष के लोगों को इस बात का जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने यह कदम क्यों नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि जिस समय हमने यह मांग उठाई थी, उस समय केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। कांग्रेस सरकार ने हमारी मांग को नजरअंदाज किया और आज कांग्रेस विधायक राजद के साथ मिलकर हंगामा कर रहे हैं।
बिहार को मदद के लिए मोदी सरकार की तारीफ
मुख्यमंत्री ने केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी की सरकार की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बिहार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग भले ही पूरी न की गई हो मगर केंद्र सरकार की ओर से बिहार की हर तरह से मदद की जा रही है।
कल पेश किए गए बजट के दौरान बिहार के विकास के लिए अनेक योजनाओं का ऐलान किया गया है। ऐसे में विपक्ष की ओर से हंगामे का कोई मतलब नहीं है। विपक्ष के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान यह मदद संभव नहीं थी।
आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में सर्वदलीय बैठक का बुलाकर जातीय जनगणना कराने का फैसला किया गया था। सभी दलों की ओर से सहमति जताए जाने के बाद जाति जनगणना कराई गई थी और आबादी के हिसाब से आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फ़ीसदी किया गया था।
जातिगत सर्वे में हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी इकट्ठा की है। इससे पता चला है कि 94 लाख परिवार गरीबी के दायरे में हैं और इन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए दो-दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की योजना शुरू की गई है।
पटना हाईकोर्ट की ओर से आरक्षण पर रोक लगाए जाने के बाद हमने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और सरकार इस मामले को सुलझाने की कोशिश में लगी हुई है। राजद पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने कोई काम नहीं किया है और आज हंगामा करके सदन का माहौल बिगाड़ रहे हैं।