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Bihar Politics: नीतीश ने 9वीं बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बने डिप्टी सीएम
Bihar Politics: डॉक्टर प्रेम कुमार को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाया गया, वहीं जदयू से विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार को तो हम (एचएएम) से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित सिंह को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।
Bihar Politics: नीतीश कुमार ने रविवार को नौंवी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने भी शपथ ली। दोनों उप मुख्यमंत्री बीजेपी से हैं।
भारतीय जनता पार्टी से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम, डॉक्टर प्रेम कुमार को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, वहीं जदयू से विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार को तो हम (एचएएम) से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित सिंह को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शपथ ग्रहण समारोह में मैजूद रहे। नड्डा के साथ चिराग पासवान, उप्रेंद्र कुशवाहा सहित तमाब बीजेपी और जदयू के नेता मौजूद रहे। यहां सबसे बड़ी बात यह देखने लायक थी की जेपी नड्डा चिराग पासवान को अपने साथ बैठाए थे। यही नहीं नड्डा चिराग को अपने साथ चार्टर प्लेन से लेकर दिल्ली से पटना लाए थे। भाजपा यह बखूबी जानती है कि चिराग पासवान के पास एक भी विधायक नहीं है उसके बाद भी उनको साथ लेकर चल रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि बिहार भाजपा के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
इससे पहले रविवार सुबह नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया था। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं। इससे पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को विधायक दल का उप नेता चुना गया।
128 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था
रविवार सुबह इस्तीफा देने के बाद नई सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार ने 128 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था। इसमें भाजपा के 78, जदयू के 45, हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के चार के साथ इकलौते निर्दलीय विधायक हैं। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी तक का कॉल आने पर भी मांझी ने महागठबंधन की ओर जाने का फैसला नहीं किया।