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मिथिला के विकास बगैर बिहार का विकास असंभव : नीतीश कुमार
नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वह मिथिला के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। पूरे विश्व में मिथिला के खान-पान, कला, संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। नीतीश ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में रविवार को आयोजित अखिल भारतीय मिथिला संघ के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा, "जिस प्रकार बिहार के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है, उसी प्रकार मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है।"
उन्होंने कहा कि हरेक क्षेत्र में -कला, संस्कृति, साहित्य एवं इतिहास- मिथिला की समृद्ध परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि मिथिला एवं मैथिली भाषा के प्रति उनका शुरू से रुझान है।
मुख्यमंत्री ने अपने इंजीनियरिंग छात्र जीवन एवं कृषि मंत्री के कार्यकाल का संस्मरण सुनाया। उनके द्वारा मैथिली में संबोधन किए जाने पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। उन्होंने मिथिला की महान पठन-पाठन परंपरा पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कवि कोकिल विद्यापति, अयाची मिश्रा एवं मंडन मिश्र के व्यक्तित्व पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मैथिल एवं मिथिला भाषी हर जगह हैं, और मिथिला के विकास में उनकी व्यक्तिगत अभिरुचि है।
नीतीश ने कहा, "मिथिला के इलाके में दरभंगा हवाईअड्डा, पूर्णिया हवाईअड्डा का विकास किया जा रहा है। पटना हवाईअड्डे पर बनाए जा रहे नए टर्मिनल भवन के सम्पूर्ण आंतरिक सुसज्जीकरण में मिथिला पेंटिंग ही दिखाई पड़ेगी। मिथिला की चित्रकला के लिए संस्थान की स्थापना की जा रही है।"
नीतीश ने कहा कि बिहार के कृषि रोडमैप का यह लक्ष्य है कि हर हिन्दुस्तानी की थाली में बिहार का कोई न कोई व्यंजन अवश्य हो। उन्होंने कहा कि मिथिला के मखाना का इसमें महत्वपूर्ण स्थान है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी कार्यक्रमों यथा चम्पारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष, प्रकाश पर्व इत्यादि में मिथिला पेंटिंग एवं भागलपुर के सिल्क को भेंट के रूप में दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिला के सम्पूर्ण विकास के लिए वह हमेशा तत्पर हैं।