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Ram Mandir Row: ‘अब वो बाबर और अफजल गुरू की पूजा करेंगे’, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का राजद नेता पर पलटवार

Ram Mandir Row: पिछले दिनों राजद नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने मंदिर को गुलामी का रास्ता और शिक्षा को प्रकाश का रास्ता बता कर बवाल खड़ा कर दिया था।

Krishna Chaudhary
Published on: 9 Jan 2024 5:40 AM GMT
Nityanand Rai , Chandrashekhar Singh
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Nityanand Rai , Chandrashekhar Singh (photo: social media )

Ram Mandir Row: अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर इन दिनों देश की सियासत गरमाई हुई है। पड़ोसी राज्य बिहार में भी इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। सत्तारूढ़ महागठबंधन के दो बड़े घटक दल राजद और जदयू के नेताओं की ओर से कई विवादित बयान आ चुके हैं। जिस पर विपक्ष में बैठी भाजपा पलटवार करने से नहीं चूकती है।

इसी क्रम में पिछले दिनों राजद नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने मंदिर को गुलामी का रास्ता और शिक्षा को प्रकाश का रास्ता बता कर बवाल खड़ा कर दिया था। उन्होंने यह बयान अपने ही पार्टी के एक विधायक का बचाव करते हुए दिया था। अब उस पर बीजेपी की ओर जोरदार पलटवार आया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि आने वाले समय में ये लोग बाबर और अफजल गुरू की तस्वीर टांग कर उनकी पूजा करेंगे।

नित्यानंद राय का राजद नेता पर पलटवार

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने राजद कोटे से मंत्री चंद्रशेखर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह (राम मंदिर) सांस्कृतिक आजादी का रास्ता है। मुझे समझ नहीं आता कि उन्हें राम मंदिर और प्रभु राम से क्या बैर है कि वे बार-बार इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी जो नीयत और नीति दिख रही है, ऐसा लगता है कि आने वाले समय में वो बाबर और अफजल गुरू की तस्वीर लटकाएंगे और उनकी पूजा करेंगे। राय ने आगे कहा कि देश को बाबर, अफजल गुरू या जिन्ना के जिन्न की नहीं बल्कि अशफाक उल्ला खान और कैप्टन हमीद की जरूरत है। यहां भगवान श्री राम की मर्यादा चाहिए।

विवादित बयान पर कायम हैं चंद्रशेखर सिंह

वहीं, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह विवाद होने के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने अपने पुराने को एकबार फिर दोहराते हुए कहा कि अगर किसी को कलेक्टर, एसपी, एमपी, एमएलए बनना है तो वह मंदिर जाएगा या स्कूल ? अगर कोई घायल होता है तो उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाएगा या मंदिर ? राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। उन्होंने वही कहा जो माता सावित्री बाई फुले ने कहा था।

सिंह ने आगे बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्र्ैवाद से सावधान रहना चाहिए। जब भगवान राम हममें से प्रत्येक में और हर जगह रहते हैं, तो आप उन्हें खोजने के लिए कहां जाएंगे? उन्होंने पूजा स्थलों को शोषण का स्थल करार देते हुए कहा कि इसे कुछ षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए बनाया गया है।

कहां से शुरू हुआ था मामला ?

एक जनवरी को राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह के द्वारा लालू यादव और राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था। जिसमें लिखा था, मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस तरफ जाना चाहिए – सावित्री बाई फुले।

इस पोस्टर में एक तरफ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर लगी थी। पोस्टर के ऊपर महात्मा बुद्ध, सम्राट अशोक और सावित्री फुले समेत अन्य लोगों की तस्वीर लगी हुई थी। पोस्टर के वायरल होते ही बिहार में बवाल हो गया। खुद राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह के एक समर्थक ने इसका विरोध किया। वहीं,सहयोगी जदयू की ओर से भी इसकी आलोचना की गई। हालांकि, नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी और नालंदा से सांसद कौशलेंद्र कुमार जैसे जदयू नेता भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर आपत्तिनजक टिप्पणी कर चुके हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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