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Nobel Puraskar History in Hindi: नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई, पहली बार किसे दिया गया

Nobel Puraskar Ka Itihas Wikpedia: नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1901 में हुई। यह पुरस्कार पहले पांच क्षेत्रों में प्रदान किया गया था:भौतिकी,रसायन विज्ञान,चिकित्सा या शरीर क्रिया विज्ञान,साहित्य,शांति।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 11 Dec 2024 6:24 PM IST
Nobel Puraskar Ka Itihas Wikpedia in Hindi
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Nobel Puraskar Ka Itihas Wikpedia in Hindi 

Nobel Puraskar Ka Itihas Wikpedia: नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित पुरस्कारों में से एक है, जो विशेष रूप से विज्ञान, साहित्य, शांति, और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा स्थापित किया गया था और पहली बार 1901 में प्रदान किया गया था। इस लेख में, हम नोबेल पुरस्कारों के इतिहास, पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

अल्फ्रेड नोबेल का जीवन और आविष्कार

अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर , 1833 को स्टॉकहोम, स्वीडन में हुआ था। चार साल की उम्र में उनका परिवार रूस चला गया, जहाँ उनके पिता ने एक सफल कारखाना चलाया, जो विस्फोटक और सैन्य उपकरण बनाता था। नोबेल का बचपन और शिक्षा विभिन्न देशों में हुई। वे एक रसायनज्ञ के रूप में बहुत सफल रहे। उन्होंने रूस, पेरिस और संयुक्त राज्य अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


क्रीमिया युद्ध के बाद उनके पिता का व्यवसाय संकट में आ गया। इसके बाद नोबेल स्वीडन लौट आए। स्वीडन में लौटकर उन्होंने विस्फोटकों पर प्रयोग करना शुरू किया और 1863 में नाइट्रोग्लिसरीन के विस्फोट को नियंत्रित करने का तरीका ढूँढा। नाइट्रोग्लिसरीन एक अत्यधिक अस्थिर और खतरनाक तरल था, जिसे पहले उपयोग के लिए बहुत जोखिमपूर्ण माना जाता था।

डायनामाइट का आविष्कार

1864 में नोबेल की नाइट्रोग्लिसरीन फैक्ट्री में एक विस्फोट हुआ, जिसमें उनके छोटे भाई और कई अन्य लोग मारे गए। इसके बाद, नोबेल ने एक सुरक्षित विस्फोटक की खोज करना जारी रखा और 1867 में उन्होंने नाइट्रोग्लिसरीन और कीसेलगुहर नामक एक छिद्रपूर्ण पदार्थ के संयोजन से एक नया और सुरक्षित विस्फोटक तैयार किया। इस नए मिश्रण को ‘डायनामाइट’ कहा गया, जिसका अर्थ ग्रीक शब्द ‘डायनामिस’ से लिया गया था, जिसका अर्थ है ‘शक्ति’। इस आविष्कार के साथ, नोबेल ने विस्फोटकों के उपयोग को सुरक्षित और नियंत्रित किया, और पेटेंट प्राप्त कर एक बड़ी संपत्ति अर्जित की।


डायनामाइट का युद्धों और निर्माण कार्यों में अत्यधिक उपयोग हुआ, जिससे नोबेल को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ हुआ। लेकिन साथ ही उन्होंने यह महसूस किया कि उनके आविष्कार का उपयोग मानवता के लिए घातक सिद्ध हो सकता है, खासकर युद्धों में। यही कारण था कि उन्होंने अपनी वसीयत में यह फैसला किया कि उनकी संपत्ति का उपयोग ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करने के लिए किया जाए जो मानवता की भलाई के लिए काम कर रहे हों।

नोबेल पुरस्कार की स्थापना

अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर, 1833 को स्वीडन में हुआ था। वे एक महान वैज्ञानिक, आविष्कारक और उद्यमी थे। उन्होंने डिनामाइट का आविष्कार किया, जिससे उन्हें दुनियाभर में प्रसिद्धि मिली। हालांकि, उनके जीवन का एक दिलचस्प पहलू यह था कि उन्होंने अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा एक ऐसी संस्था को दान करने का निर्णय लिया, जो हर साल उन लोगों को सम्मानित करे जिन्होंने मानवता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।


नोबेल के मन में यह विचार तब आया जब एक स्वीडिश अखबार ने उनकी मृत्यु के बारे में एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उन्हें ‘मौत का व्यापारी’ कहा गया था, क्योंकि उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था। इस लेख ने नोबेल को गहरे विचार में डाल दिया। उन्होंने अपनी संपत्ति को एक स्थायी कोष में बदलने का निर्णय लिया।


1888 में, उन्होंने अपनी वसीयत तैयार की, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा "उन लोगों को पुरस्कार देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा जिन्होंने मानवता के भले के लिए सबसे अच्छा काम किया हो।" नोबेल पुरस्कार की स्थापना के उद्देश्य से यह वसीयत की गई थी।

पहला नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1901 में हुई। यह पुरस्कार पहले पांच क्षेत्रों में प्रदान किया गया था:भौतिकी,रसायन विज्ञान,चिकित्सा या शरीर क्रिया विज्ञान,साहित्य,शांति। पहला नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता विलहेम रेंटजेन थे, जिन्हें भौतिकी में उनके एक्स-रे के आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया।


चिकित्सा के क्षेत्र में पहला पुरस्कार ए.सी. गैलाबार्ड और ल्यूडविग काहन को दिया गया, जो तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं पर काम कर रहे थे। साहित्य में पहला पुरस्कार सुन्हा को मिला और शांति के क्षेत्र में पहला पुरस्कार हेनरी डुनेन्ट और फ्रेडरिक पासी को दिया गया।

नोबेल पुरस्कार की प्रक्रिया

नोबेल पुरस्कारों के चयन की प्रक्रिया में विभिन्न संगठनों और समितियों का योगदान होता है। सभी पुरस्कारों का चयन एक विशेष समिति करती है जो पुरस्कारों के चयन के लिए पात्र व्यक्तियों और संगठनों की जांच करती है।

नोबेल पुरस्कार के क्षेत्र:

भौतिकी: इस पुरस्कार को विज्ञान के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक माना जाता है। पहला भौतिकी नोबेल पुरस्कार 1901 में रेंटजेन को एक्स-रे के लिए दिया गया था। इसके बाद, अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश की सिद्धांत के लिए यह पुरस्कार दिया गया। भौतिकी में पुरस्कार देने के लिए विज्ञान के प्रगति और नई खोजों को देखा जाता है।

रसायन विज्ञान: यह पुरस्कार रासायनिक तत्वों, अभिकर्मकों और रासायनिक प्रतिक्रियाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है। पहले रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता हयेमन थे, जो रासायनिक अनुसंधान में योगदान देने वाले व्यक्ति थे।


चिकित्सा: यह पुरस्कार शारीरिक और जैविक प्रक्रिया के अध्ययन और अनुसंधान के लिए दिया जाता है। चिकित्सा के क्षेत्र में पहला पुरस्कार 1901 में ए.सी. गैलाबार्ड और ल्यूडविग काहन को मिला था।

साहित्य: साहित्य में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। पहला साहित्य नोबेल पुरस्कार सुन्हा को दिया गया था। इसके बाद साहित्य के नोबेल पुरस्कारों को नामचीन लेखकों जैसे हेनरीक इब्सन, रवींद्रनाथ ठाकुर (रवींद्रनाथ ठाकुर), वर्जीनिया वूल्फ, गेब्रियल गार्सिया मार्केज, और कन्हैया लाल को दिया गया।

शांति: शांति के लिए नोबेल पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने दुनिया में युद्ध के खिलाफ संघर्ष किया हो या मानवाधिकार और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया हो। इस पुरस्कार को सबसे पहले हेनरी डुनेन्ट और फ्रेडरिक पासी को 1901 में दिया गया था।

नवीनतम नोबेल पुरस्कार:आजकल नोबेल पुरस्कारों के चयन में लगातार विकास और बदलाव हो रहा है। 2020 के नोबेल पुरस्कार में कोविड-19 महामारी के दौरान वैज्ञानिकों के प्रयासों और शोध को महत्व दिया गया। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के इलाज और वैक्सीनेशन के लिए नई तकनीकों का विकास किया, जिसने मानवता के लिए बहुत बड़ी मदद की।

नोबेल पुरस्कारों के विवाद और आलोचनाएँ:

हालांकि नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, लेकिन इसके चयन प्रक्रिया और पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को लेकर कई बार विवाद भी उत्पन्न हुए हैं। कई बार देखा गया है कि कुछ पुरस्कारों के चयन में पक्षपाती रवैया अपनाया गया है। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी को नोबेल शांति पुरस्कार कभी नहीं मिला, जबकि वे शांति के प्रतीक थे। इसके अलावा, कभी-कभी नोबेल पुरस्कार में लिंग भेदभाव और नस्लीय भेदभाव के आरोप भी लगाए गए हैं।

दुनियाभर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं। इनमें विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और खुद नोबेल समिति के सदस्य शामिल हैं।


हालांकि, नामांकन को 50 वर्षों तक गुप्त रखा जाता है, लेकिन जो लोग उन्हें जमा करते हैं, वे कभी-कभी सार्वजनिक रूप से अपनी सिफारिशों की घोषणा करते हैं, खासकर नोबेल शांति पुरस्कार के संबंध में।

नोबेल शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं। ऐसा एल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के आधार पर किया जाता है।अगर एक पुरस्कार साझा तौर पर दो लोगों को दिया जाता है, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बांट दी जाती है। किसी एक क्षेत्र से एक साल में अधिकतम तीन लोगों को पुरस्कार दिया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक, डिप्लोमा और निश्चित धनराशि दी जाती है. हर साल इनाम राशि नोबेल फाउंडेशन की आय पर निर्भर करती है।

नोबेल पाने वाले भारतीय

रविंद्रनाथ टैगोर-टैगोर भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे,जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाज़ा गया था। टैगोर को 1913 में जब ये सम्मान मिला तब वो ये पुरस्कार पाने वाले पहले गैर यूरोपीय थे।

हरगोविंद खुराना-जाने माने भारतीय मूल के वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना को 1968 में मेडिसीन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। खुराना का शोध इस विषय पर था कि एंटी बायोटिक खाने का शरीर पर किस तरह का व्यापक असर होता है।

सीवी रमण-सीवी रमण का जन्म मद्रास में हुआ था। उन्होंने प्रकाश से जुड़े रमन इफेक्ट की खोज की थी। उन्हें 1930 में फिजिक्स के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिया गया।


वीएएस नायपॉल-ब्रिटेन में बसे नायपॉल को 2001 में साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल दिया गया।

वेंकट रामाकृष्णन-भारतीय मूल के वेंकट रामाकृष्णन मदुरै में जन्मे थे। उन्हें वर्ष 2009 में राइबोसोम के स्ट्रक्चर और कार्यप्रणाली के क्षेत्र में शोध के लिए केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

मदर टेरेसा-मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। मदर टेरेसा का जन्म अल्बानिया में हुआ था। 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स ऑफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं।

सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर-चंद्रशेखर का जन्म 1910 में लाहौर में हुआ था। उन्हें 1983 में सितारों की आकृति और कैसे सितारे बने इसके सैद्धांतिक शोध के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला।

कैलाश सत्यार्थी-वर्ष 2014 का शांति का नोबेल पुरस्कार कैलाश सत्यार्थी को मिला है। कैलाश को बच्चों के लिए किए गए उनके काम को देखते हुए ये पुरस्कार दिया गया है।

आर के पचौरी- वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन के लिए बनी कमिटी के साथ संयुक्त रुप से शांति के लिए नोबेल मिला था।


अमर्त्य सेन-अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन अपनी पुस्तक ‘द आरग्यूमेंटेटिव इंडियन’ के लिए काफी चर्चित रहे। लेकिन अर्थशास्त्र में उनका काम उल्लेखनीय रहा है। उन्हें 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

अभिजीत बनर्जी- साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो के साथ-साथ अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया गया था। इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी कम करने के उनके प्रयोगात्मक नजरिए के लिए नोबेल दिया गया था।

नोबेल पुरस्कार का इतिहास प्रेरणा से भरा हुआ है। यह पुरस्कार हर साल उन लोगों को सम्मानित करता है जिन्होंने मानवता के भले के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाई। हालांकि इसके चयन की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन यह पुरस्कार आज भी मानवता के उच्चतम आदर्शों का प्रतीक बना हुआ है। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि हर व्यक्ति या संगठन के द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को मान्यता दी जानी चाहिए, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।


उल्लेखनीय विजेताओं में मैरी क्यूरी, थियोडोर रूजवेल्ट, अल्बर्ट आइंस्टीन, जॉर्ज बर्नार्ड शॉ, विंस्टन चर्चिल, अर्नेस्ट हेमिंग्वे, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, दलाई लामा, मिखाइल गोर्बाचेव, नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा और मलाला यूसुफजई शामिल हैं। कई नेताओं और संगठनों को भी कभी-कभी नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जबकि वैज्ञानिक पुरस्कार अक्सर शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से प्राप्त किए जाते हैं।आज भी, नोबेल पुरस्कार प्रत्येक वर्ष दिए जाते हैं। प्रत्येक पुरस्कार में लगभग 1,400,000 डॉलर की राशि का नकद पुरस्कार होता है और प्राप्तकर्ताओं को एक स्वर्ण पदक प्रदान किया जाता है, जो पुरस्कारों की परंपरा का हिस्सा है।



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