TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

दिल्ली ही नहीं, उत्तर प्रदेश के भी कई शहर जहरीली हवा के चपेट में

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद जहां इस पर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है और दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए ऑड-ईवन लागू करने की दलीलें दे रही है।

tiwarishalini
Published on: 12 Nov 2017 12:32 PM IST
दिल्ली ही नहीं, उत्तर प्रदेश के भी कई शहर जहरीली हवा के चपेट में
X
दिल्ली ही नहीं, यूपी के भी कई शहर जहरीली हवा के चपेट में

लखनऊ/दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद जहां इस पर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है और दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए ऑड-ईवन लागू करने की दलीलें दे रही है। वहीँ दूसरी तरफ यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई और भी शहर जहरीली हवा की मार झेल रहे हैं। इस शहरों में मोदी की काशी भी शामिल है।

राजधानी दिल्ली में पिछले चार दिनों से ऐसी हालत हो चुकी है डॉक्टर ने सख्त हिदायत दी कि लोग सुबह के समय अपने घरों से टहलने के लिए नहीं निकले। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए सभी स्कूलों को रविवार तक बंद करने के आदेश दे दिए। इसके साथ ही राजधानी में कंस्ट्रक्शन वर्क पर रोक लगाने समेत कई तरह के निर्देश दिए गए हैं। उसके बावजूद राजधानीवासियों को प्रदूषण की मार से बचने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल यूपी का भी है।

यह भी पढ़ें .... NGT की शर्तों से घबराई केजरीवाल सरकार, रद्द की Odd-Even स्कीम

यूपी के कई प्रमुख शहरों में कोहरे व धुंध के चलते शुक्रवार को भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) चिंताजनक स्तर यानी 401-500 के बीच दर्ज किया गया। वाराणसी में एक्यूआइ सर्वाधिक 491 दर्ज हुआ। वहीं लखनऊ में एक्यूआइ का स्तर 462 व कानपुर में 461 रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से स्थिति सुधरने की उम्मीद है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एक्यूआइ बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार को एक्यूआइ 468 था। यानी लखनऊ में 462 का प्रदूषण स्तर दिल्ली के मुकाबले बस थोड़ा सा ही कम रहा। यह बात दीगर है कि लखनऊ में इसे लेकर महकमों में बेफिक्री ही नजर आई। वहीं वाराणसी ने तो दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया। यहां एक्यूआइ दिल्ली से कहीं अधिक 491 व गाजियाबाद में 485 रिकार्ड हुआ।

इलाहाबाद में दिल्ली से आया स्मॉग धीरे-धीरे भयावह रूप ले रहा है। शहर की हवा डेढ़ गुना जहरीली हो गई है। स्मॉग अब ग्रामीण क्षेत्र में पांव पसार रहा है। स्मॉग का असर बढ़ने पर सांस से संबंधी मरीजों की तकलीफ बढ़ गई है। दिल्ली का स्मॉग इलाहाबाद आने पर लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिन में स्मॉग परेशान कर रहा है। रात में कोहरा लोगों की परेशानी का सबब बन गया है। प्रदूषण विभाग के मुताबिक प्रदूषण का मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। लेकिन यह 250 माइक्रोग्राम पहुंच गया है, जो परेशानी का सबब है।

यह भी पढ़ें .... दिल्ली में ऑड-इवन पर NGT ने कहा- पहले संतुष्ट करो फिर होगा लागू

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी का कहना है कि शहर में दो स्थानों पर प्रदूषण का लेवल मापने के लिए यंत्र लगे हुए हैं। लक्ष्मी टाकीज के पास मशीन लगी हुई है। उसमें प्रदूषण का मानक 250 माइक्रोग्राम आया है। जो सामान्य से ढाई गुना अधिक है। अशोक नगर में लगे यंत्र में हाल की रिपोर्ट में प्रदूषण का मानक 150 माइक्रोग्राम आया है। उन्होंने कहा कि शहर और आसपास के इलाकों में विकास कार्य के तमाम प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसलिए अभी प्रदूषण का मानक बढ़ा हुआ है। लक्ष्मी टाकीज चौराहे व्यस्तम मार्ग है। इसलिए वहां पर प्रदूषण का मानक 250 माइक्रोग्राम आया है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि स्मॉग के चलते देश के लोग ही परेशान हैं, बल्कि इसका असर सीमापार भी देखा जा रहा है।

लुधियानावासी भी स्मॉग से निजात पाने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ का यह पूर्वानुमान है कि पंजाब में वेस्टर्न डिस्टर्बेस के चलते लो प्रेशर बन रहा है। लो प्रेशर बनने से पंजाब में 14 से 16 नवंबर के बीच बारिश हो सकती है। कई जगहों पर बादल छाए रहने व हवाएं चलने का भी अनुमान है।1 पीएयू की सीनियर एग्रोमैट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू के अनुसार स्मॉग को खत्म करने के लिए बारिश बहुत ही जरूरी है। बारिश होने से आसमान में इकट्ठा हुआ स्मॉग धुल कर नीचे आएगा। हवा में मौजूद प्रदूषित कण पूरी खत्म होंगे। बारिश न भी हो और तेज हवा भी चलने लगे तो स्मॉग छट जाएगा।

यह भी पढ़ें .... #airpollution में ऐसे रखें अपना ख्याल, ये हैं किफायती टिप्स

दो सप्ताह से जारी स्मॉग के कारण पाकिस्तान का सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हवाई यात्र प्रभावित होने के अलावा सड़क दुर्घटनाओं में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि तकरीबन 15 हजार लोगों को सांस लेने में कठिनाई और अन्य वजहों के चलते अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है। लाहौर पिछले दो सप्ताह से धुंध की चपेट में है।



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story