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बुरे फंसे सैफ अली खान: इस मामले में पूरे परिवार को नोटिस, कोर्ट में होगी पेशी

सभी को 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। बाफना ग्रुप ने ये ज़मीन खरीद ली थी। अब उनके वकील दिनेश भार्गव का कहना है कि वर्ष 1984 में बाफना ग्रुप ने नवाब से संपत्ति खरीद ली थी।

Newstrack
Published on: 16 July 2020 5:50 AM GMT
बुरे फंसे सैफ अली खान: इस मामले में पूरे परिवार को नोटिस, कोर्ट में होगी पेशी
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भोपाल: संपत्ति मामले में वालीवुड के दिग्गज एक्टर सैफ अली खान को कोर्ट से नोटिस मिला है। हालांकि यह नोटिस भोपाल नवाब की संपत्ति के मामले में सैफ अली खान सहित फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और परिवार के सभी वारिसों को जारी किया गया है। मामला चिकलोद क्षेत्र की ज़मीन का है। इस इलाके की एक दर्जन से ज्यादा गांव में 4000 एकड़ जमीन की सीलिंग की जाना है।उसी सिलसिले में नवाब परिवार के सभी वारिसों को नोटिस जारी किए गए हैं। वारिसों को 20 जुलाई को कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।

बाफना ग्रुप ने ये ज़मीन खरीदी है

जिन लोगों को नोटिस दिया गया, उनमें स्व. नवाब मंसूर अली खां पटौदी के वारिस शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान, सोहा और सबा के साथ ही पटौदी की बहन और उनके बच्चों को भी पार्टी बनाया गया है। सभी को 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। बाफना ग्रुप ने ये ज़मीन खरीद ली थी।

अब उनके वकील दिनेश भार्गव का कहना है कि वर्ष 1984 में बाफना ग्रुप ने नवाब से संपत्ति खरीद ली थी। इसका नामांतरण कराने के लिए आवेदन दिया गया है।जब तक नामांतरण नहीं होता, तब तक संपत्ति की सीलिंग नहीं हो सकती है।फिलहाल खेती की इस ज़मीन पर एक अखबार ग्रुप का कब्जा है।

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हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले

भोपाल नवाब की संपत्ति को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं।नवाब की 7 से ज्यादा गांव में 4000 एकड़ से ज्यादा की कृषि भूमि है। इसमें 600 एकड़ भूमि पर एक तालाब, 2300 एकड़ भूमि पर जंगल और 1200 एकड़ कृषि भूमि है।यहां एक एयरपोर्ट बना है।

आईये यहां जानते हैं कि क्या है मामला

करीब 2 साल पहले भोपाल, सीहोर, रायसेन जिले में 4 हजार एकड़ जमीन का मामला सामने आने के बाद तत्कालीन अपर आयुक्त राजेश जैन ने साल 1971 का राजस्व रिकॉर्ड खंगाला था। वर्ष 1961 में सीलिंग एक्ट आया था।इसमें तय प्रावधान के मुताबिक जिसके पास 54 एकड़ से ज्यादा जमीन थी, उसे इसके दायरे में लाया गया था।इसी के तहत भोपाल नवाब की 133 निजी प्रॉपर्टी को छोड़कर सब को इसके दायरे में ले लिया गया था।

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20 जुलाई को कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा

लेकिन, अफसरों की गलती के कारण कुछ जमीनें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाई थीं।इसमें भोपाल की ये ज़मीनें भी शामिल हैं। इसलिए इस संपत्ति को सीलिंग के दायरे में लिया जाना था। लंबे समय से चले आ रहे हैं इस विवाद को लेकर एक बार फिर नोटिस जारी हुआ है और अब नवाब परिवार के वारिसों को 20 जुलाई को कोर्ट में अपना पक्ष रखना होगा।

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