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अब इस मशीन से भी पकड़ में आएगा कोरोना वायरस, आईसीएमआर ने दी जांच की मंजूरी
संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। देशभर में अभी तक 25 लाख से अधिक सैंपल टेस्ट के लिए एकत्रित किए गए हैं। जानकारों का कहना है की टेस्टिंग के स्पीड तेज होने से इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की जांच के काम जल्द ही काफी तेजी आने की संभावना है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने टीबी की टेस्टिंग में इस्तेमाल की जाने वाली डायग्नोस्टिक मशीनों का इस्तेमाल कोरोना वायरस के मामलों की जांच के लिए करने को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि आईसीएमआर के इस कदम से कोरोना वायरस की जांच के काम में काफी तेजी आएगी।
आईसीएमआर ने जारी की गाइडलाइन
आईसीएमआर ने कोरोना वायरस की जांच के काम में तेजी लाने के लिए गत 10 अप्रैल को ट्रूनेट प्रणाली के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। अब आईसीएमआर की ओर से कोरोना वायरस की जांच के लिए ट्रूनेट प्रणाली के संबंध में गाइडलाइन जारी की गई है। आईसीएमआर की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक इन मशीनों को कोविड-19 की पुष्टि के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
बिना बिजली के भी हो सकेगा इस्तेमाल
इस आधुनिक मशीन की खासियत यह भी होती है कि इसे बगैर बिजली के भी चलाया जा सकता है। मशीन की बैटरी एक बार चार्ज होने पर 45 मिनट तक बैकअप देती है। यह मशीन उन इलाकों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है जहां बार-बार बिजली आने और जाने की समस्या है। इस मशीन के जरिए जांच में 35 से 40 मिनट का समय लगेगा। जानकारों का कहना है कि यदि दो शिफ्टों में जांच के लिए टेक्नीशियन की तैनाती की जाए तो एक दिन में 30 से 40 नमूनों की जांच की जा सकती है।
इस तरीके से की जाएगी जांच
आईसीएमआर की गाइड लाइन में बताया गया है कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सभी सैंपल लिए जाएंगे और इनकी सबसे पहले ईजीन स्क्रीनिंग होगी। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अगले चरण में आरडीआरपी जीन की जांच होगी। इसमें भी पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज को पूरी तरह संक्रमित माना जाएगा और उसके इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
अपलोड करनी होगी जानकारी
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि सभी पॉजिटिव और निगेटिव परिणामों को आईसीएमआर पोर्टल पर रियल टाइम में अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा। देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब एक लाख सात हजार के आंकड़े पर पहुंच गई है और संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है। कोरोनावायरस मरने वालों की संख्या 3300 से ऊपर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 5611 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इससे समझा जा सकता है कि दिन प्रतिदिन संक्रमण की रफ्तार में कितनी तेजी आ रही है।
टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत
संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। देशभर में अभी तक 25 लाख से अधिक सैंपल टेस्ट के लिए एकत्रित किए गए हैं। जानकारों का कहना है की टेस्टिंग के स्पीड तेज होने से इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी।