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Suprem Court: मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह मामले पर सुनवाई अब 9 दिसंबर को
Suprem Court: सीजेआई ने कहा कि यह देखा जायेगा कि क्या हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले की अपील हाईकोर्ट की बड़ी बेंच में संभव है या नहीं।
Suprem Court: सुप्रीम कोर्ट में मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले पर अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। हिंदू पक्ष की याचिकाओं के हाईकोर्ट में स्वीकार किये जाने के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सीजेआई ने कहा कि यह देखा जायेगा कि क्या हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले की अपील हाईकोर्ट की बड़ी बेंच में संभव है या नहीं।
क्या है विवाद
इस समय देश में मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला चर्चा में है। ऐसे में अक्सर ये लोग यह लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला है क्या? पर विवाद क्यों हो रहा है? दरअसल यह विवाद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। करीब 11 एकड़ भूमि पर मंदिर है और 2.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने 1669-70 में कराया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था।
जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इसके कोई सबूत मौजूद नहीं हैं कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर कराया गया था.।शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि ईदगाह मस्जिद की संरचना पर दावा करने वाले हिंदू भक्तों द्वारा दायर याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत वर्जित हैं।
आखिर कैसे शुरू हुआ विवाद
इस विवाद के मूल में 1968 में हुआ समझौता है जिसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह ने ज़मीन विवाद को निपटाते हुए मंदिर और मस्जिद के लिए ज़मीन को लेकर समझौता कर लिया था। लेकिन, पूरे मालिकाना हक़ और मंदिर या मस्जिद में पहले किसका निर्माण हुआ, इसे लेकर भी विवाद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि इस मामले की शुरुआत सन 1618 से हुई थी और इसे लेकर कई बार मुक़दमे हो चुके हैं।