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अब सवर्ण गरीबों को पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी देगी सरकार

केंद्र सरकार ने हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब सरकार इसके अंतर्गत गरीब सवर्णों को राज्य सरकार द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों के तहत पेट्रोल पंप और कुकिंग गैस एजेंसी आवंटित करने की तैयारी कर रही है।

Aditya Mishra
Published on: 12 Jan 2019 9:21 AM GMT
अब सवर्ण गरीबों को पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी देगी सरकार
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नई दिल्ली: तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान) के विधान सभा चुनाव में मिली हार के बाद मोदी सरकार सवर्णों पर मेहरबान हो गई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी।

अब सरकार इसके अंतर्गत गरीब सवर्णों को राज्य सरकार द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों के तहत पेट्रोल पंप और कुकिंग गैस एजेंसी आवंटित करने की तैयारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक यह कंपनियां केंद्र सरकार की आरक्षण नीति का अनुसरण करेंगी।

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एक अधिकारी ने कहा, 'नए पारित कानून के अधिसूचित होने के बाद ईडब्ल्यूएस श्रेणी को 10 फीसदी आरक्षण (खुदरा दुकानों के आवंटन में) देने का औपचारिक प्रस्ताव उचित समय पर शुरू किया जाएगा।' पेट्रोलियम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। अधिकारियों ने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेता- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में पहले से ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण नीति है। पेट्रोल पंप और एलपीजी एजेंसियों के आवंटन में ओबीसी कोटा की शुरुआत मनमोहन सिंह सरकार के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 20 जुलाई, 2012 को की थी।

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वर्तमान में इस तरह का आवंटन 22.5 प्रतिशत एससी और एसटी के लिए और 27 प्रतिशत ओबीसी के लिए है। वहीं पूरे देश में सामान्य श्रेणी से ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए 50.5 प्रतिशत है। लेकिन यह प्रतिशत अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में अलग है। पूर्वोत्तर के राज्यों में खुदरा दुकानों के लिए आरक्षण सामाजिक-आर्थिक संरचना के अनुसार अलग-अलग है। अरुणाचल में एसटी के लिए 70 प्रतिशत आरक्षण है।

वहीं विभिन्न श्रेणियों में कोटा के अंदर कोटा है। जिसमें सुरक्षाबल और महिलाएं भी शामिल है। एचपीसीएल के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध संचालक एस रॉय चौधरी ने कहा कि ईडब्लूएस श्रेणी के अंतर्गत लोगों को आरक्षण देने का कदम अच्छा है। लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक और कंपनी को इससे परेशानी न हो। वहीं पेट्रोलियम क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कई बार लाभार्थी इन आवंटनों का गलत फायदा उठाते हैं और इसे स्थानीय व्यापारी को दे देते हैं।

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Aditya Mishra

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