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1 जून से बदल जाएगा नियम! ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नहीं काटने होंगे RTO के चक्कर

Driving License: ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े काम अब और आसान होने वाले हैं। 1 जून से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको RTO ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ने वाली है।

Aniket Gupta
Published on: 26 May 2024 4:13 PM GMT (Updated on: 26 May 2024 4:18 PM GMT)
1 जून से बदल जाएगा नियम! ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नहीं काटने होंगे RTO के चक्कर
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Driving License: क्या आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते हैं? लेकिन, RTO में लंबी लाइनें व दलालों की खुशामद करने से बचना चाहते हैं। तो खुश हो जाइए। 1 जून के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के प्रोसेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 जून से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको RTO जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही ड्राइविंग टेस्ट के लिए भी लंबा इंतजार नहीं करना होगा और दलालों की भी खुशामदी नहीं करनी होगी। आइए, जानते हैं आखिर क्या बदलाव होने जा रहे हैं। क्या है सरकार का नया प्लान?

ड्राइविंग टेस्ट के लिए करना पड़ता था लंबा इंतजार

अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको RTO जाकर ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता था। RTO में लंबी लाइन व टेस्ट के लिए लंबे इंतजार की वजह से लोग परेशान हो जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल, सूत्रों के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए बढ़ती वेटिंग लिस्ट को देखते हुए सरकार ने प्राइवेट आरटीओ सेंटर पर टेस्ट लेने पर विचार किया है। अगर सरकार यह नियम लागू करती है तो फिर आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए न तो RTO के चक्कर काटने होंगे और न ही टेस्ट देने के लिए RTO ऑफिस के चक्कर काटने होंगे। इसके साथ ही प्राइवेट ड्राइविंग सेंटर का रोजगार भी बढ़ेगा।

प्राइवेट सेंटर के लिए भी ये खास नियम

वहीं ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाले प्राइवेट सेंटरों के लिए सरकार खास नियम बना रही है, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस सेंटर बनाने के लिए टू-व्हीलर के लिए एक एकड़ और फोर व्हीलर के लिए 2 एकड़ जमीन रखना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही ट्रेनिंग देने वाले के पास हाई स्कूल डिप्लोमा या इसके बराबर की डिग्री होनी चाहिए। वहीं कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना जरूरी होगा। बायोमेट्रिक और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना भी जरूरी है। वहीं इन प्राइवेट सेंटरों को हल्के मोटर वाहनों के लिए 4 सप्ताह में 29 घंटे की ट्रेनिंग देना आवश्यक होगा। इन 29 घंटों में 8 घंटे की थ्योरी और 21 घंटे की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। भारी मोटर वाहनों के लिए, 6 सप्ताह में 38 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य होगा जिसमें 8 घंटे की थ्योरी और 31 घंटे का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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