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भाजपा ने कहा- क्या ‘एनआरसी' पर राजीव और इंदिरा के स्टैंड से पलट गई है कांग्रेस

Rishi
Published on: 1 Aug 2018 3:25 PM GMT
भाजपा ने कहा- क्या ‘एनआरसी पर राजीव और इंदिरा के स्टैंड से पलट गई है कांग्रेस
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नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन ‘एनआरसी' मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस स्पष्ट करे कि ‘एनआरसी' पर उनका स्टैंड क्या है? तृणमूल कांग्रेस, ममता बनर्जी और बाकी तमाम विपक्षी पार्टियों को इस पर अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।

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पार्टी मुख्‍यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुुुए जावड़ेेकर ने कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी को क्या डर है, वे चर्चा से क्यों भागना चाहते हैं, क्यों जवाब सुनना नहीं चाहते, किसको बचाना चाहते हैं? राज्य सभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने सदन को अवरुद्ध कर लोकतंत्र की हत्या की है। यदि बांग्लादेशियों के वापस जाने की बात इंदिरा गाँधी ने की थी, राजीव गाँधी जी ने ‘असम एकॉर्ड' के तहत ‘एनआरसी' की रचना की तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि अब उनका क्या स्टैंड है? क्या अब उनका स्टैंड राजीव और इंदिरा गाँधी के स्टैंड से बदल गया है?

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उन्होंने कहा कि असम एकॉर्ड की आत्मा एनआरसी है, यही एक तरीका है जो घुसपैठियों की पहचान कर सकता है और अब कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है। पूर्वाग्रह के कारण कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने एक साजिश के तहत सदन की कार्यवाही को अवरुद्ध किया और सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न कर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बोलने नहीं दिया, हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं।

जावड़ेकर ने कहा कि सदन में बिना किसी कारण हंगामा करना, अमित शाह को बोलने नहीं देना। गृहमंत्री को नहीं सुनना, कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पहले ही तय करके आई थी। दोनों पार्टियां सदन को नहीं चलने देना चाहती थी क्योंकि वे सच सुनना ही नहीं चाहते थे।

जावड़ेकर ने राज्य सभा कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि अमित शाह के भाषण पर कांग्रेस के आनंद शर्मा ने आपत्ति जताई कि शाह ने कल 1985 के बाद हुए सभी प्रधानमंत्रियों में एनआरसी को लागू करने की हिम्मत न होने की बात की थी जो सर्वथा गलत है। उनके आरोप को दुर्भावना से ग्रस्त बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था।

असम एकॉर्ड की आत्मा ही ‘एनआरसी’ थी

उन्होंने कहा कि अमित शाह ने कल राज्य सभा में कहा था कि “14 अगस्त 1985 को स्वर्गीय राजीव गाँधी ने असम एकॉर्ड साइन किया। 15 अगस्त के भाषण में लाल किले से इसको डिक्लेयर किया। असम एकॉर्ड की आत्मा क्या थी? असम एकॉर्ड की आत्मा ही ‘एनआरसी’ थी और एनआरसी का मतलब क्या है? एकॉर्ड में क्या कहा गया? एकॉर्ड में यह कहा गया कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उसको हमारे सिटिजन रजिस्टर से अलग”…। (इस पर तुरंत कांग्रेस एंड कंपनी द्वारा व्यवधान पैदा किया गया)। शाह ने आगे कहा कि एक शुद्ध नेशनल सिटिजन रजिस्टर बनाना है, यही “एनआरसी” का मतलब था।

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सच सुनना नहीं चाहतीं

जावड़ेकर ने कहा कि सदन में बिना किसी कारण के हंगामा करना, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बोलने नहीं देना और माननीय गृहमंत्री को नहीं सुनना, कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पहले ही तय करके आई थी। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस, दोनों पार्टियां सदन को नहीं चलने देना चाहती थी क्योंकि वे सच सुनना ही नहीं चाहते थे।

देश की सुरक्षा से उन्हें कोई लेना देना नहीं

जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया से यह पता चला है कि आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सोनिया गाँधी से मिल रही हैं। ममता बनर्जी जी की एनआरसी पर भूमिका तो सबको मालूम है कि वे घुसपैठियों के पक्ष में हैं, एनआरसी के विरोध में हैं, देश की सुरक्षा से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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