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NRI Quota : पढ़ाई में एनआरआई कोटा, क्या है ये गोरखधंधा?

NRI Quota : सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले में पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कोटा बढ़ाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे "पूर्ण धोखाधड़ी" करार दिया है।

Neel Mani Lal
Published on: 24 Sept 2024 10:50 PM IST
NRI Quota : पढ़ाई में एनआरआई कोटा, क्या है ये गोरखधंधा?
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NRI Quota : सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले में पंजाब के मेडिकल कॉलेजों में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कोटा बढ़ाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे "पूर्ण धोखाधड़ी" करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एनआरआई कोटा प्रवेश प्रक्रिया में योग्यता को दरकिनार कर देता है।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ की गई अपील के जवाब में आया है। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार की उस अधिसूचना को अमान्य कर दिया था, जिसमें "एनआरआई उम्मीदवारों" की परिभाषा का विस्तार करते हुए चाचा, चाची, दादा-दादी और चचेरे भाई-बहन जैसे दूर के रिश्तेदारों को भी इसमें शामिल किया गया था।

क्या कहा कोर्ट ने

मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने एनआरआई कोटे के दुरुपयोग की आलोचना की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनआरआई पात्रता की विस्तारित व्याख्या ने कोटे को "पैसा कमाने की रणनीति" में बदल दिया है, जो शैक्षिक ढांचे की अखंडता को खतरे में डालता है। कोर्ट ने कहा : हमें अब इस एनआरआई कोटा बिजनेस को रोकना चाहिए! यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है, और यही हम अपनी शिक्षा प्रणाली के साथ कर रहे हैं। इस धोखाधड़ी को समाप्त होना चाहिए। यह एनआरआई व्यवसाय धोखाधड़ी के अलावा और कुछ नहीं है।

क्या है ये कोटा

एनआरआई कोटा इस लिए लाया गया था ताकि अनिवासी भारतीय अपने बच्चों को भारत पढ़ने भेजें और वे यहां देश को आगे बढ़ाने में योगदान दें। एनआरआई कोटा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मेडिकल पढ़ाई, मैनेजमेंट पढ़ाई यानी लगभग हर कोर्स में चल रहा है।

एनआरआई कोटा में फायदा ये मिलता है कि प्रतिस्पर्धी परीक्षा में कम नंबर आने पर भी कोटे वालों को एडमिशन मिल जाता है। नियमतः तो एनआरआई कोटा उसी को मिलना चहिये जिसके पेरेंट्स एनआरआई हैं और उनकी संतान कुछ वर्षों तक विदेश में ही पढ़ी हो। लेकिन इस नियम को बाईपास करने के भी वाकये हैं।

इस कोटे के तहत कालेज डॉलर में फीस लेते हैं जिससे उनकी भी अच्छी कमाई होती है। लेकिन इस कोटे को बिजनेस भी बना लिया गया है। नीट में तो एक गोरखधंधा ये पकड़ में आया था कि कम नम्बर पाने वाले स्टूडेंट्स जो विदेश में रहे ही नहीं वे भी एनआरआई कोटा का फायदा ले रहे थे। इस तरह के जुगाड़ और कहां कहां चल रहे हैं कुछ कहा नहीं जा सकता। बता दें कि एनआरआई कोटे सिर्फ एडमिशन में ही नहीं बल्कि और भी जगह जारी हैं।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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