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NSA Ajit Doval : अजीत डोभाल पहुंचे बीजिंग, ये है मकसद, पांच साल बाद पूरा होने की उम्मीद

NSA Ajit Doval : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बैठक के बाद एनएसए अजीत डोभाल बीजिंग पहुंच गए हैं।

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Newstrack Network
Published on: 17 Dec 2024 6:34 PM IST
NSA Ajit Doval : अजीत डोभाल पहुंचे बीजिंग, ये है मकसद, पांच साल बाद पूरा होने की उम्मीद
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NSA Ajit Doval : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मंगलवार को बीजिंग पहुंचे हैं। वह यहां बुधवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात करेंगे और विशेष प्रतिनिधि वार्ता में शामिल होंगे। इस वार्ता का उद्देश्य बीते पांच साल से यानी दिसंबर 2019 से 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और सौहार्द को बहाल किया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बैठक के बाद एनएसए अजीत डोभाल बीजिंग पहुंच गए हैं। यहां बुधवार को निर्धारित एसआर वार्ता में शामिल होंगे। बीजिंग में एनएसए अजीत डोभाल और उनके समकक्ष वांग यी के बीच वार्ता होगी। इसमें एलएसी पर डी-एस्केलेशन और पुनर्वास के अगले चरण पर चर्चा होगी। इसके साथ सीमा पर शांति और संबंधों को मजबूत बनाने के लिए नए कदमों पर विचार किया जाएगा।

इस पर होगी चर्चा

यहां दोनों वरिष्ठ पदाधिकारी विवादित सीमा के समाधान के प्रस्तावों पर भी चर्चा करेंगे। हालांकि इस बार मुख्य मुद्दा पूर्वी लद्दाख में दोनों नेताओं द्वारा बनाई गई सकारात्मक गति को बनाए रखना और इसे दोनों पक्षों की सेनाओं के बीच तनाव कम करने की दिशा में ले जाना होगा।

बता दें कि बीते 24 अक्टूबर को रूस के कज़ान में ब्रिक्स बैठक के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता हुई थी। दोनों शीर्ष नेताओं ने लद्दाख में एलएसी पर बीते पांच साल से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने का ऐलान किया था। इसके बाद से दोनों देशों की सेनाओं को सीमा गश्त गतिविधि को शुरू करने की अनुमति मिल गई थी। बीते मई, 2020 में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद से इस क्षेत्र में तनाव बना हुआ था। इसके बाद दोनों देशों की सेना के जवान गश्त नहीं कर सके।

इस समय हालात स्थिर

गौरतलब है कि एलएसी पर तनाव को लेकर दोनों देशों की सेनाओं ने काराकोरम दर्रे से लेकर पूर्वी क्षेत्र तक भारी मात्रा में सैनिकों को तैनात कर रखा था। इसके साथ ही हथियारों को भी इकट्ठा किया था। यही नहीं, शी जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले पीएलए ने पूर्वी क्षेत्र में संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेडों को भी तैनात कर दिया था। हालांकि इस समय एलएसी पर हालात स्थिर बने हुए हैं। भारतीय और चीनी सेना अब देपसांग बुलगे क्षेत्र और डेमचोक में चारडिंग निंग्लिंग नाला जंक्शन में गश्त कर रहे हैं।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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