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देश में बढ़ रही धार्मिक कट्टरता पर बोले NSA डोभाल, मूकदर्शक बने रहने के बजाय आपसी मतभेदों को दूर करने की जरूरत

NSA Ajit Doval: डोभाल ने इन घटनाओं के लिए उन तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है, जो अपने धर्म और विचारधारा के नाम पर समाज में कटुता और संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 30 July 2022 8:06 PM IST
देश में बढ़ रही धार्मिक कट्टरता पर बोले NSA डोभाल, मूकदर्शक बने रहने के बजाय आपसी मतभेदों को दूर करने की जरूरत
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NSA Ajit Doval: देश में बढ़ रही धार्मिक कट्टरता (religious bigotry ) और सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर मोदी सरकार (Modi government) विपक्ष के निशाने पर है। विपक्ष और बुद्धिजीवियों का एक तबका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की चुप्पी पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है। नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बाद देश में फैली सांप्रदायिक हिंसा (violence) और अब कर्नाटक में लगातार हो रही हत्याएं कई गंभीर सवालों को जन्म दे रही है। इन घटनाओं के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बड़ा बयान दिया है।

डोभाल ने इन घटनाओं के लिए उन तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है, जो अपने धर्म और विचारधारा के नाम पर समाज में कटुता और संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने ये बातें नई दिल्ली में आयोजित अंतर –धार्मिक सम्मेलन में कही। इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं ने भाग लिया। अजीत डोभाल ने कहा कि दुनिया में इस वक्त संघर्ष का माहौल है। यदि हमें उस माहौल से मुकाबला करना है तो देश की एकता को बनाए रखना जरूरी है।

आपसी मतभेदों को दूर करने की जरूरत

एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज तेज किया जाए। उन्होंने कहा, समाज में फैल रहे सांप्रदायिक उन्माद की घटनाओं पर मूकदर्शक बने रहने के बजाय आपसी मतभेदों को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा। हमें भारत में रह रहे हर संप्रदाय को ये अहसास कराना जरूरी है कि हम एक साथ एक देश हैं और हर धर्म को यहां आजादी से रहने का अधिकार है। डोभाल ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी तत्वों की हरकतों के कारण पूरे देश प्रभावित होता है। इसका असर कई बार देश के बाहर भी देखने को मिलता है।

कट्टरपंथी संगठनों पर पांबदी लगाने की मांग

एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में आयोजित अंतर–धार्मिक सम्मेलन में मौजूद सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि अब ऐसी घटनाओं का केवल निंदा करने से काम नहीं चलेगा बल्कि इन घटनाओं के पीछे शामिल कट्टरपंथी संगठनों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना होगा। देश में जितने भी कट्टरपंथी संगठन पनपे हैं, सबके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए, उन्हें बैन कर देना चाहिए।

बता दें कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्य समुदाय (minority community) को अलग –थलग करने की कोशिश करने का आरोप झेल रही मोदी सरकार अब विभिन्न तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। ताकि देश में धार्मिक सद्भाव कायम रहे। इसी के मद्देनजर अंतर-धार्मिक बैठक का आयोजन करवाया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करते हैं। सरकार को उम्मीद है कि इससे धार्मिक कलह को शांत करने में मदद मिलेगा और उसकी बात अल्पसंख्यक समूहों तक सीधे पहुंचेगी।



Shashi kant gautam

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