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सफाई में दिल्ली का रिकार्ड कमजोर, उत्तरी निगम का ओडीएफ दर्जा वापस

डीएम प्रमाणन के लिये स्वतंत्र एजेंसी ने आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र का ओडीएफ दर्जा वापस लेने की बात कही है।

Aditya Mishra
Published on: 15 April 2019 4:20 PM IST
सफाई में दिल्ली का रिकार्ड कमजोर, उत्तरी निगम का ओडीएफ दर्जा वापस
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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: एक तरफ सरकार पूरे देश को इस साल दो अक्टूबर (150वीं गांधी जयंती) से पहले खुले में शौच की समस्या से मुक्ति (ओडीएफ) के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर राजधानी दिल्ली ओडीएफ मानकों पर खरी नहीं उतर पा रही है।

ओडीएम प्रमाणन के लिये स्वतंत्र एजेंसी ने आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र का ओडीएफ दर्जा वापस लेने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी दिल्ली निगम क्षेत्र सफ़ाई के मामले में ओडीएफ़ के मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहा है।

आवास एवं शहरी विकास मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पीटीआई भाषा को बताया कि स्वच्छता अभियान में दिल्ली का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं है।

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पुरी ने इस साल गांधी जयंती के पहले पूरे देश को ओडीएफ के दायरे में लाने का भरोसा जताते हुये कहा ‘‘सफाई के मामले में सभी छोटे बड़े शहरों ने सकारात्मक भागीदारी की है। लेकिन मुझे दुख है कि राजधानी दिल्ली का प्रदर्शन निराशाजनक है।’’ पुरी ने इसके लिये दिल्ली की केजरीवाल सरकार नगर निगमों के बीच आपसी खींचतान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि ओडीएफ प्रमाणपत्र की हर छह महीने बाद समीक्षा की जाती है।

इस प्रक्रिया के तहत स्वतंत्र एजेंसी (थर्ड पार्टी) इस बात का परीक्षण करती है कि दर्जा प्राप्त क्षेत्र में निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। जो स्थानीय निकाय मानकों के पालन की प्रतिबद्धता को सुचारु नहीं बना पाते हैं उनका ओडीएफ दर्जा वापस हो जाता है। दिल्ली में इसकी शुरुआता उत्तरी दिल्ली से हो गयी है।

पुरी ने स्वच्छता अभियान में जनता के फीडबैक पर आधारित स्वच्छ सर्वेक्षण को इस मुहिम की कामयाबी का आधार बताया। उन्होंने कहा कि पिछले चार दौर के सर्वेक्षण में भागीदारी शहरों की संख्या 72 से बढ़कर 4237 तक पहुंचना, सामाजिक संगठनों के माध्यम से स्थानीय लोगों की सहभागिता बढ़ना और सोशल मीडिया का अहम हथियार बनना, इसकी कामयाबी के सबूत हैं।

गत मार्च में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में इंदौर लगातार तीसरे साल सफाई के मामले में अव्वल रहा। सर्वेक्षण में शामिल 4237 स्थानीय निकायों के 6.53 लाख स्थानों को सर्वेक्षण की जांच में शामिल किया गया। सर्वेक्षण की 28 दिन चलने वाली प्रक्रिया में 64 लाख लोगों के फीडबैक के आधार पर इन इलाकों के 95 फीसदी शहरी क्षेत्रों को ओडीएफ के दायरे में शामिल किया जा चुका है।

भाषा

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Aditya Mishra

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