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कोई भी कंपनी के ख़ुफ़िया कारोबार के बारे में सूचना देने वालों को इनाम के रूप में सेबी से 1 करोड़ रुपए दे सकता हैं. इसके अलावा गोपनीयता बनाए रखने के साथ पूरी जानकारी साझा करने के लिए हॉटलाइन उपलब्ध कराई जाएगी और अगर किसी से कुछ गलती हो जाती है तो उसके लिए माफी या उसका निपटारा किया जाएगा.
नई दिल्ली: कोई भी कंपनी के ख़ुफ़िया कारोबार के बारे में सूचना देने वालों को इनाम के रूप में सेबी से 1 करोड़ रुपए दे सकता हैं. इसके अलावा गोपनीयता बनाए रखने के साथ पूरी जानकारी साझा करने के लिए हॉटलाइन उपलब्ध कराई जाएगी और अगर किसी से कुछ गलती हो जाती है तो उसके लिए माफी या उसका निपटारा किया जाएगा.
सेबी ने ख़ुफ़िया कारोबार निरोधक नियमन के तहत नई 'सूचना प्रणाली' के लिये विस्तृत नियम तैयार किया है. यह नियम लागू करने के लिए इसको निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा.
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इनको नहीं मिलेगा इनाम
वैसे ये लाभ केवल कुछ लोगों और कंपनियों के लिए ही उपलब्ध होगा और ऑडिटर जैसे पेशेवरों को इसकी सुविधा नहीं मिलेगी.
जाने इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में
सेबी नियमन निवेशकों के फायदों की रक्षा के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाता है. इनसाइडर ट्रेडिंग वैसे मामले को कहा जाता हैं जहां कीमत से जुड़ी अप्रत्याशित संवेदनशील जानकारी अपने पास रखते हुए प्रतिभूतियों में कारोबार किया जाता है.
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अधिकारियों ने कहा कि सेबी के लिए यह जरूरी है कि इनसाइडर ट्रेडिंग का पता लगाने के लिए सभी कानूनी उपायों का उपयोग करे और निवेशकों के बीच भरोसा और बाजार की विश्वसनीयता बनाए रखने को लेकर यथाशीघ्र कार्रवाई करे.
इसलिए लिया ये फैसला
बाजार नियामक को इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों की जांच करने के दौरान सबूत जुटाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके कारण ऐसे मामलों की जांच में लंबा समय लगता है. अपनी जांच और नियमों को लागू करने की व्यवस्था के तहत सेबी की वैसे लोगों को प्रोत्साहन देने की योजना है जिनके पास इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों की जानकारी है और वे संबंधित जानकारी नियामक को देते हैं.
इस बारे में संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसके लिये विस्तृत नियमन तैयार किया गया है. सेबी ने जून में इस बारे में परिचर्चा पत्र जारी किया था. सेबी के पीआईटी नियमन में प्रस्तावित संशोधन के तहत सूचना देने वालों को स्वैच्छिक सूचना घोषणा फार्म (VIDF) देने की जरूरत है.
इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग मामले से जुड़ी विश्वासनीय, पूरी और मूल सूचना देनी होगी. इसमें अप्रकाशित कीमत संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान या नियमों का उल्लंघन कर कारोबार करना आदि शामिल हैं.इसमें सूचना के स्रोत के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होगा और यह लिखित में देना होगा कि उसे संबंधित जानकारी सेबी या अन्य संबंधित नियामक में कार्यरत किसी व्यक्ति से नहीं मिली है.
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सेबी सूचना संरक्षण कार्यालय (ओआईपी) स्थापित करेगा जो जांच इकाई या अन्य विभागों से पूरी तरह अलग होगा. यह कार्यालय वीआईडीएफ प्राप्त करने और उसके प्रसंस्करण के लिये जिम्मेदार होगा. ओआईपी ही सूचना देने वालों को पुरस्कृत करने के बारे में निर्णय करेगा और सूचना देने वालों और सेबी के बीच मध्यस्थ होगा. वह सूचना देने वालों की मदद के लिये हॉटलाइन स्थापित करेगा.
इस मामले के तहत सूचना देने वालों के लिए इनाम देने का प्रस्ताव किया गया है. इसके तहत अगर सेबी गलत तरीके से कमाए गए कम-से-कम 1 करोड़ रुपए का पता लगाने में कामयाब होता है, तो सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा. इस इनाम की धनराशी एक करोड़ रुपए होगी. इसके अलावा जांच में सहयोग के बदले छोटी गड़बड़ियों के लिए माफी या उसका निपटान करने का भी प्रस्ताव किया गया है.