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महाराष्ट्र में गरमाया OPS का मुद्दा, सरकारी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल, शिंदे सरकार की मुसीबतें बढ़ीं

Old Pension Scheme: राज्य सरकार की ओर से कर्मचारी यूनियनों को मनाने की कोशिश अभी तक नाकाम साबित हुई है। पुरानी पेंशन के मुद्दे पर सरकार और कर्मचारी यूनियनों के बीच हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका।

Monika
Published on: 14 March 2023 11:36 AM GMT
महाराष्ट्र में गरमाया OPS का मुद्दा, सरकारी कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल, शिंदे सरकार की मुसीबतें बढ़ीं
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Old Pension Scheme : महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (OPS) का मुद्दा गरमा जाने के कारण शिंदे सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य के करीब 18 लाख सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना लिया है। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर राज्य के सरकारी कर्मचारी सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं।

राज्य सरकार की ओर से कर्मचारी यूनियनों को मनाने की कोशिश अभी तक नाकाम साबित हुई है। पुरानी पेंशन के मुद्दे पर सरकार और कर्मचारी यूनियनों के बीच हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व सरकारी कर्मचारियों का यह रुख शिंदे सरकार की मुसीबत बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

कर्मचारी यूनियनों के तीखे तेवर

पुरानी पेंशन योजना को बंद किए काफी समय बीत चुका है मगर हाल के दिनों में कई राज्यों में इस योजना को फिर बहाल किए जाने के बाद महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों ने भी आंदोलन का तेवर अपना लिया है। महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों की दलील है कि वे लंबे समय से सरकारी सेवा में लगे हुए हैं मगर सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिति को लेकर वे निश्चिंतता नहीं महसूस कर पा रहे हैं। इन कर्मचारियों ने राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि इन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जा चुका है।

सरकारी कर्मचारियों की दलील है कि जिन राज्यों में पुरानी पेंशन को फिर से लागू किया गया है, उन राज्यों की आय महाराष्ट्र के मुकाबले काफी कम है। महाराष्ट्र की आय इन राज्यों की अपेक्षा काफी ज्यादा होने के बावजूद यहां पर सरकार की ओर से आर्थिक बोझ की दलील दी जा रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकारी कर्मचारी यूनियनों की ओर से महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया गया है कि आखिर उसे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने में क्या दिक्कत है?

फडणवीस ने दी वित्तीय बोझ की दलील

सरकारी कर्मचारियों के तीखे तेवर को देखते हुए राज्य सरकार कर्मचारी यूनियनों को मनाने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि यह मुद्दा राज्य सरकार के ईगो से जुड़ा हुआ नहीं है। विधानपरिषद में सरकार का पक्ष रखते हुए फडणवीस ने मशहूर अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बयान का भी जिक्र किया। अहलूवालिया ने हाल में कहा था कि ओपीएस को लागू करने पर वित्तीय दिवालिएपन का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि वेतन और पेंशन के मद में राज्य सरकार को पहले ही काफी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। अगले वित्तीय वर्ष तक यह बोझ करीब 68 फ़ीसदी तक पहुंच जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को 2005 में बंद किया गया था और अब इसे लागू करने पर राज्य सरकार पर करीब एक लाख दस हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले को लागू करने पर राज्य सरकार की वित्तीय कमर टूट सकती है।

कर्मचारियों की हड़ताल से बढ़ीं दिक्कतें

राज्य सरकार का कहना है कि इस बाबत कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता। दूसरी ओर कर्मचारी यूनियनों ने तीखे तेवर दिखाते हुए बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में राज्य कर्मचारियों की हड़ताल का बड़ा असर दिख सकता है। सरकारी अस्पतालों, स्कूलों-कालेजों, नगरपालिकाओं और अन्य सरकारी विभागों में इस हड़ताल का बड़ा असर दिख सकता है। इससे आम लोगों की दिक्कतें भी बढ़ेंगी। इसी कारण सरकार की ओर से हड़ताल खत्म कराने की कोशिशें की जा रही हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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