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One Nation, One Election: व्हिप के बावजूद 20 से ज्यादा BJP सांसद वोटिंग से गैरहाजिर, नोटिस भेजेगी पार्टी
One Nation, One Election:लोकसभा में मंगलवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश किया गया, लेकिन इस महत्वपूर्ण मौके पर 20 से ज्यादा बीजेपी सांसद सदन में अनुपस्थित थे। पार्टी ने इसके लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था, ताकि वे वोटिंग और बिल के इंट्रोडक्शन के समय सदन में मौजूद रहें। हालांकि, इसके बावजूद कई सांसद नहीं पहुंचे।
One Nation, One Election:लोकसभा में मंगलवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश किया गया, लेकिन इस महत्वपूर्ण मौके पर 20 से ज्यादा बीजेपी सांसद सदन में अनुपस्थित थे। पार्टी ने इसके लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था, ताकि वे वोटिंग और बिल के इंट्रोडक्शन के समय सदन में मौजूद रहें। हालांकि, इसके बावजूद कई सांसद नहीं पहुंचे।
बीजेपी अब इन सांसदों को नोटिस भेजेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो। मंगलवार को सरकार ने 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' और 'केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024' पेश किए, जिनके जरिए 'एक देश, एक चुनाव' की दिशा में कदम उठाए गए।
ये सांसद थे गैरहाजिर
लोकसभा में बिल के पेश होते वक्त शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बी वाई राघवेंद्र, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नितिन गडकरी, विजय बघेल, उदयराज भोंसले, भागीरथ चौधरी, जगन्नाथ सरकार और जयंत कुमार रॉय मौजूद नहीं थे।
लोकसभा में पेश हुआ विधेयक
'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024' और 'केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024' को लोकसभा में सदस्यों के मतदान के बाद औपचारिक रूप से पेश किया गया। इन विधेयकों में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का प्रस्ताव है, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए जाने का प्रावधान किया गया है। इन विधेयकों को अब विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा।
मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में विधेयक पेश करने के लिए हुए मतदान के परिणाम की घोषणा की। मतदान में 269 सदस्य पक्ष में और 196 सदस्य विपक्ष में वोट डालने के बाद विधेयक को पारित किया गया। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर आधारित संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को औपचारिक रूप से पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजने पर सहमति जताई, जो उनके पहले के बयान के अनुरूप था।