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One Nation-One Election: पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने दी बड़ी खबर,23 सितंबर को होगी 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' कमेटी की पहली बैठक

One Nation-One Election: इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से गठित कमेटी की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 16 Sept 2023 2:42 PM IST (Updated on: 16 Sept 2023 3:28 PM IST)
One Nation-One Election
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One Nation-One Election (Photo: Social Media)

One Nation-One Election: पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मोदी सरकार की ओर से गठित कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर को होगी। यह जानकारी कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान दी। हाल के दिनों में 'एक देश-एक चुनाव' का मुद्दा काफी चर्चाओं में रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने पर जोर देते रहे हैं। इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से गठित कमेटी की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कोविंद के अलावा कमेटी में सात सदस्य

केंद्र सरकार की ओर से एक देश एक चुनाव की दिशा में ठोस पहल करते हुए पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी को देश में एक साथ चुनाव कराने की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप गई है। कमेटी में अध्यक्ष के अलावा सात अन्य सदस्यों के रूप में अमित शाह,अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को शामिल किया गया है।

चौधरी ने किया कमेटी से किनारा

वैसे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 'एक देश एक चुनाव' कमेटी से किनारा कर लिया है। अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर समिति में शामिल होने से मना किया है। उन्होंने इसी के साथ पैनल के गठन को लेकर केंद्र की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार का इस बाबत कहना था कि चौधरी की सहमति मिलने के बाद ही उन्हें कमेटी का सदस्य बनाया गया था।

बिल को लेकर लगाई जा रही हैं अटकलें

मोदी सरकार की ओर से 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। सियासी हल्कों में इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से 'एक देश-एक चुनाव' के संबंध में बिल लाया जा सकता है। वहीं पिछले दिनों सरकार की ओर से बताए गए एजेंडे में इस बिल का कोई जिक्र नहीं था। ऐसे में माना जा रहा है कि कमेटी की ओर से पूरी रूपरेखा तैयार करने के बाद इस बाबत सरकार की ओर से कदम उठाए जा सकता है।

एक साथ चुनाव में होगी बड़ी बचत

वैसे पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में बड़ी धनराशि की बचत की जा सकती है। पिछले दिनों इस बाबत की गई एक स्टडी की रिपोर्ट भी जारी हुई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि लोकसभा से लेकर पंचायत स्तर तक के चुनाव में करीब 10 लाख करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है। वहीं सभी चुनाव एक साथ या एक सप्ताह के भीतर कराने की स्थिति में खर्चे में तीन से पांच लाख करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है।

पांच राज्यों में जल्द होने वाले हैं चुनाव

देश में जल्द ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं। इन सभी चुनावी राज्यों में विभिन्न सियासी दलों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी शुरू हो गया है।

ऐसी स्थिति में यदि सरकार इस मुद्दे को लेकर सचमुच गंभीर है तो उसे जल्द बिल लाना होगा। अब सबकी निगाहें 'एक देश-एक चुनाव' के लिए गठित कमेटी की बैठक पर लगी हुई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि कमेटी की ओर से इस बाबत रूपरेखा कब तक तैयार की जाती है।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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