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One Nation One Election: मोदी सरकार की बोल्ड कदम की तैयारी,अब ‘एक देश,एक चुनाव’ की बारी
One Nation One Election: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र,एक चुनाव’ की जमकर वकालत की थी। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि देश में बार-बार चुनाव कराए जाने से विकास कार्य में रुकावट पैदा होती है।
One Nation One Election: मोदी सरकार आने वाले दिनों में कई बड़े फैसलों की तैयारी में जुटी हुई है। अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुच्छेद 370 हटाने जैसे कई बड़े फैसले ले सकते हैं। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार के इसी कार्यकाल के दौरान ‘एक देश,एक चुनाव’ की थ्योरी को लागू किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पिछले कार्यकाल से ही विकास कार्यों की गति बनाए रखने के लिए पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने पर जोर देते रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस को जवाब देने के लिए कुछ और बड़े फैसलों को भी लागू करने की तैयारी है। विधानसभा चुनाव के बाद जल्द ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक काफी दिनों से विलंबित जनगणना का काम भी देश में जल्द ही शुरू किया जाएगा।
‘वन नेशन,वन इलेक्शन’ पर हो सकता है बड़ा फैसला
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र,एक चुनाव’ की जमकर वकालत की थी। प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि देश में बार-बार चुनाव कराए जाने से विकास कार्य में रुकावट पैदा होती है। आचार संहिता लागू होने के बाद सारे काम ठप पड़ जाते हैं जिससे देश की प्रगति में बाधा पैदा होती है।प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर देश की प्रगति में सहयोग करने की अपील भी की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकते हैं।
कोविंद की कमेटी ने दिया था सुझाव
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पिछली एनडीए सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश,एक चुनाव’ के लिए कमेटी का भी गठन किया था। इस कमेटी ने पिछले मार्च महीने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। 18,626 पेजों की इस रिपोर्ट में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एकल यानी साझा मतदाता सूची तैयार करने पर जोर दिया गया है।अभी तक तीनों चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूची तैयार की जाती रही है। इस उच्चस्तरीय कमेटी की ओर से पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी।‘वन नेशन,वन इलेक्शन’ बीजेपी का प्रमुख एजेंडा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में इस बाबत वादा किया था। माना जा रहा है कि 2029 से ‘वन नेशन,वन इलेक्शन’ की शुरुआत हो सकती है। इसके साथ ही विधि आयोग की ओर से विभिन्न राज्यों में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ ही कराने की सिफारिश की जा सकती है।
समान नागरिक संहिता पर भी भाजपा का जोर
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेक्युलर समान नागरिक संहिता को अपनाने पर भी जोर दिया था। उनका कहना था कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून अपनाया जाना चाहिए। पांच भाजपा शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटियों का गठन किया गया है जबकि उत्तराखंड में इसे लागू भी किया जा चुका है। वहां के कानून को अभी तक कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी इसे जल्द ही लागू किए जाने की तैयारी है। इसके लिए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
जल्द शुरू हो सकता है जनगणना का काम
जनगणना का काम शुरू करने की दिशा में भी जल्द ही फैसला लिया जा सकता है। विपक्षी दलों की ओर से जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही है मगर अभी तक सरकार की ओर से इस बाबत आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार के पहले 100 दिन के लिए जो वादे किए गए थे,उन्हें रफ्तार के साथ लागू किया जा रहा है।भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी को अपने दम पर बहुमत न मिलने के बावजूद सरकार के एजेंडे में कोई बदलाव नहीं आया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सहयोगी दलों की ओर से सरकार पर कोई दबाव नहीं है और इसी कारण सरकार तेजी से फैसले लेने की ओर अग्रसर है।