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NEET UG Re-Exam: 1563 में से केवल 813 अभ्यर्थियों ने दिया परीक्षा, 48 प्रतिशत छात्रों ने नहीं दी परीक्षा
NEET UG Re-Exam: नीट-यूजी री-एग्जाम रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5.20 बजे की बीच आयोजित किया गया। सेंटर्स पर परीक्षा शुरू हो गई लेकिन कई सेंटर पर अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे ही नहीं।
NEET UG Re-Exam: NEET-UG की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद नीट रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स के लिए आज यानी 23 जून रविवार को री एग्जाम आयोजित किया गया था। पेपर समाप्त होने के बाद शाम को सामने आया है कि इस Re-Exam में केवल 813 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। सामने आए आंकड़ों की मानें तो केवल 52 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने नीट-यूजी की पुनर्परीक्षा दी। कई सेंटर ऐसे भी रहे जहां अभ्यर्थियों की संख्या बिल्कुल ही कम रही। वहीं चंडीगढ़ में बने सेंटर पर दो अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी, लेकिन दोनों ही नदारद रहे। यह परीक्षा ग्रेस मार्क पाए अभ्यर्थियों के लिए आयोजित की गई थी।
दोपहर 2 बजे थी टाइमिंग
बता दें कि NEET UG Re-Exam दोपहर 2 बजे से शाम 5.20 बजे के बीच आयोजित हुआ था। सेंटर्स पर परीक्षा शुरू हो गई, लेकिन कई सेंटर पर अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंचे ही नहीं। सेंटर पर पहुंचने के टाइम के अलावा गेट क्लोजिंग टाइम भी निकल गया, लेकिन बहुत से अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
छत्तीसगढ़ के बालोद में बना था केंद्र, 70 रहे नदारद
छत्तीसगढ़ के बालोद में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर 185 अभ्यर्थियों को Re-Exam के लिए पहुंचना था, लेकिन यहां 70 अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे। वहीं चंडीगढ़ में केवल दो अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया था, लेकिन दोनों ही अभ्यर्थी एग्जाम सेंटर नहीं पहुंचे।
सरकार ने उठाया बड़ा कदम
बता दें कि केंद्र सरकार ने NEET और UGC-NET परीक्षाओं में कथित अनियमितता को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं को रोकने को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया। जिसका उद्देश्य देशभर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है।
देशभर में 5 मई को हुई थी नीट परीक्षा
NEET-UG की परीक्षा 5 मई को देशभर के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा का परिणाम 4 जून 2024 को घोषित किया गया था। रिजल्ट 10 दिन पहले ही जारी कर दिया गया था। रिजल्ट के बाद पेपरलीक और गड़बड़ी के आरोप लगाए गए। क्योंकि 67 से अधिक छात्रों ने अधिकतम अंक प्राप्त किए, जिनमें से कुछ एक ही परीक्षा केंद्र के थे। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में बिहार में अनियमितताओं और पेपर लीक का मामला सामने आया। इसके साथ ही कुछ उम्मीदवार सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर मिल गया था। इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गईं।