ऑपरेशन स्माइल ने लौटायीं गुमशुदा बच्चों के परिजनों की खुशियां

raghvendra
Published on: 23 Feb 2018 7:42 AM GMT
ऑपरेशन स्माइल ने लौटायीं गुमशुदा बच्चों के परिजनों की खुशियां
X

देहरादून: राज्य में गुमशुदा बच्चों की तलाश और पुनर्वास के लिए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन स्माइल ने कई घरों की खोयी हुई खुशियां लौटा दी हैं। एक फरवरी से दोबारा शुरू हुए ऑपरेशन स्माइल अभियान में 15 फरवरी तक कुल 173 बच्चों को बरामद किया गया है। इनमें से 135 बच्चों को उनके परिजनों तक भी पहुंचा दिया गया है। जबकि इन 173 बच्चों में से मात्र 35 बच्चों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज थी। बाकी 38 बच्चों को पुनर्वास के लिए बालगृह भेज दिया गया है। इन बच्चों के परिजनों की तलाश की जा रही है।

ऑपरेशन स्माइल के तहत हरिद्वार पुलिस की टीम ने उत्तर प्रदेश में पंजीकृत दो बच्चे, टिहरी पुलिस ने दिल्ली के एक बच्चे, चम्पावत टीम ने चण्डीगढ़ के एक बच्चे और रेलवे ने हरियाणा और दिल्ली में पंजीकृत एक-एक गुमशुदा बच्चे को बरामद किया है।

अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल के कार्यों की समीक्षा की। अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हरिद्वार की नोडल अधिकारी ममता वोहरा और उनकी टीम के प्रभारी निरीक्षक अनिल जोशी, नैनीताल के नोडल अधिकारी लोकजीत सिंह और उनकी टीम के प्रभारी उप निरीक्षक मुनव्वर हुसैन को टीम के साथ पांच-पांच हज़ार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की गई। अन्य टीमों के कार्य की भी सराहना की गयी है।

अपर पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश में अभियान का पर्यवेक्षण करने के लिए ऑपरेशन स्माइल की नोडल अधिकारी शाहजहां जावेद खान की भी प्रशंसा की। खोये हुए बच्चों में से कोई अपने मां बाप की डांट खाकर घर छोड़ गया तो किसी ने रॉक स्टार बनने के लिए घर की दहलीज पार की।

raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story