×

विपक्षी सांसदों ने लिखी स्पीकर को चिट्ठी, गाजीपुर बॉर्डर को बना दिया भारत-पाक सीमा

गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के ऐसे बंदोबस्त किए गए हैं कि किसानों की स्थिति जेल के कैदियों सरीखी हो गई है। विपक्षी सांसदों ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है।

Roshni Khan
Published on: 5 Feb 2021 9:58 AM IST
विपक्षी सांसदों ने लिखी स्पीकर को चिट्ठी, गाजीपुर बॉर्डर को बना दिया भारत-पाक सीमा
X
विपक्षी सांसदों ने लिखी स्पीकर को चिट्ठी: गाजीपुर बॉर्डर को बना दिया भारत-पाक सीमा (PC: social media)

नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि गाजीपुर बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान की सीमा जैसे हालात बना दिए गए हैं। 10 विपक्षी दलों से जुड़े इन 15 सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्हें आंदोलनरत किसानों से नहीं मिलने दिया गया।

ये भी पढ़ें:चीन का क्रूरता: मुस्लिम महिलाओं के साथ होता है रेप, दी जाती हैं खौफनाक यातनाएं

गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के ऐसे बंदोबस्त किए गए हैं कि किसानों की स्थिति जेल के कैदियों सरीखी हो गई है। विपक्षी सांसदों ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है।

किसानों से मिलने की इजाजत नहीं

गाजीपुर बॉर्डर का दौरा करने वाली सांसदों की टीम में शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के अलावा एनसीपी की सुप्रिया सुले, द्रमुक की कनिमोझी और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय शामिल थे। इन सांसदों के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी और आईयूएमएल के सांसद भी इस टीम में शामिल थे।

farmer-rally farmer-rally (PC: social media)

बॉर्डर का दौरा करने के बाद हरसिमरत कौर ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को बैरिकेडिंग पार करने और प्रदर्शन स्थल पर जाने की इजाजत नहीं दी गई। इस कारण सांसद आंदोलनकारी किसानों से कोई बातचीत नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को किसानों से मिले बिना वापस लौटना पड़ा।

पुलिस ने बयान को गलत बताया

दूसरी ओर गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि सांसदों को गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल जाने से नहीं रोका गया। इस बाबत पूछे जाने पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेता आंदोलन स्थल का दौरा कर रहे हैं और किसी को नहीं रोका जा रहा है। गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें दूसरी तरफ से दिल्ली में रोका गया हो।

लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन

गाजीपुर बॉर्डर का दौरा करने के बाद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि तीन किलोमीटर तक बैरिकेडिंग लगाई गई है। ऐसे में समझा जा सकता है कि किसान कैसे रहते होंगे। उन्होंने कहा कि सांसदों को किसान नेताओं से मिलने से रोकना लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है और सरकार को इस मामले पर गौर फरमाना चाहिए।

सरकार के रुख को अड़ियल बताया

दूसरी और संसद में गुरुवार को चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार को यह काला कानून तत्काल वापस ले लेना चाहिए।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का है कि आंदोलन के दौरान 194 किसानों ने जान दी है, लेकिन सरकार की ओर से संवेदना का एक शब्द तक नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अड़ियल रुख अपना रखा है जबकि अपनी प्रजा की बात मानने से कोई शासक छोटा नहीं हो जाता।

बातचीत से विवाद सुलझाने की मांग

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि सरकार को किसानों का दर्द समझना चाहिए। सरकार को मानना चाहिए कि किसान भी उसके अपने ही हैं और उनके साथ शत्रुओं जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

farmer farmer-protest (PC: social media)

ये भी पढ़ें:IND vs ENG: भारत और इग्लैंड में भिड़ंत, नदीम ने किया टेस्ट डेब्यू, ये है प्लेइंग 11

पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा कि कुछ समाज विरोधी तत्वों ने किसान आंदोलन के नाम पर देश के अन्नदाताओं को बदनाम किया है। सरकार को किसानों के साथ बातचीत कर इस मामले का समाधान निकालना चाहिए।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story