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विपक्षी पार्टियों ने फिर गर्माया EVM का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेताओं ने दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
नई दिल्ली: विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के मुद्दे को फिर गर्मा दिया है। अब इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
विपक्षी दलों ने रविवार को ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर बैठक की और कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
सेव डेम्रोकेसी (लोकतंत्र बचाओ) नाम से रविवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेताओं ने दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
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इस दौरान कांग्रेस नेता व वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि ईवीएम में वोट डालने के लिए बटन दबाया गया तो उसके साथ लगी वीवीपैट मशीन से निकली पर्ची सिर्फ 3 सेकंड के लिए ही नजर आई. सिंघवी ने कहा कि यह वक्त बेहद कम है, जिसे बढ़ाकर 7 सेकंड करना चाहिए।
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नायडू ने शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर ईवीएम गड़बड़ी का मामला उठाया था। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दल हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने का निर्देश देने की मांग के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘ हमें नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटारे के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठा रहा है।’’
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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्र पर किसी भी मतदान पर्ची का ईवीएम का अधिक से अधिक मिलान किया जाए। उसने कहा था कि इससे ना केवल राजनीतिक दलों बल्कि सभी मतदाताओं को भी काफी संतुष्टि मिलेगी।