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ऑरेकल: भारतीय उद्योग अब अपना रहे हैं क्लाउड सास समाधान

aman
By aman
Published on: 7 Jan 2018 2:08 PM IST
ऑरेकल: भारतीय उद्योग अब अपना रहे हैं क्लाउड सास समाधान
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ऑरेकल: भारतीय उद्योग अब अपना रहे हैं क्लाउड सास समाधान

निशांत अरोड़ा

नई दिल्ली: भारत में क्लाउड आधारित सेवाओं को अपनाने में तेजी के साथ, सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) एक ऐसा क्षेत्र है जो इतनी तेजी से बढ़ रहा है, जितना पहले कभी नहीं था। ऑरेकल इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, क्योंकि कारोबार (बड़े से लेकर छोटे तक) यह महसूस करने लगे हैं कि सास समाधान मापनीय, तेज और सुरक्षित है।

गार्टनर का कहना है, कि सास सबसे बड़ा क्लाउड बाजार होने जा रहा है। यह साल 2020 तक वैश्विक स्तर पर दोगुना बढ़कर 75 अरब डॉलर का हो जाएगा। भारत में सास कारोबार में साल 2017 में साल-दर-साल आधार पर 33 फीसदी की वृद्धि देखी गई।

ग्राहकों की मानसिकता में आ रहा बदलाव

ऑरेकल के उपाध्यक्ष (एप्लिकेशंस) प्रसाद राय ने एजेंसी को बताया, कि 'हमारा मानना है कि सास भारत के साथ ही वैश्विक स्तर पर ग्राहकों की अपेक्षाओं को तेजी से पूरा करेगा। हमने ग्राहकों की मानसिकता में बदलाव देखा है, जो मुख्य रूप से इसे शुरुआत में अपनाने वाले कारोबारों को सास-आधारित एप्लिकेशन से मिले लाभ के कारण है।'

शुरुआत में ग्राहकों को थी आशंकाएं

रॉय ने कहा, 'शुरुआत में ग्राहकों को सास समाधान के बारे में आशंकाएं थीं, लेकिन आजकल विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाएं अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बिजनेस एप्लिकेशन पर विचार कर रहे हैं।'

स्टार्ट-अप्स भी इस ओर देख रहे

अंतरराष्ट्रीय डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक क्लाउड बाजार में सास खंड की हिस्सेदारी करीब 69 फीसदी है। बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेकर स्टार्ट-अप्स तक, सभी क्लाउड समाधान की ओर देख रहे हैं या कम से कम क्लाउड प्रथम दृष्टिकोण रख रहे हैं।

ज्यादातर ने क्लाउड को ध्यान में रखकर खर्च किया

रॉय ने आगे कहा, 'इसके दो कारण हैं। पहला यह है कि संगठन यह चाहते हैं कि उनके एप्लिकेशन अतीत से ज्यादा तेज चलें और दूसरा यह है कि व्यवसायों ने यह महसूस किया है कि सास समाधान मापनीय, तेज और अत्यधिक सुरक्षित है तथा हर वक्त उपलब्ध रहते हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर आप दुनिया में प्रमुख सॉफ्टवेयर मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा शोध और विकास पर किए जाने वाले खर्च को देखें तो आप पाएंगे कि ज्यादातर ने क्लाउड को ध्यान में रखकर ही शोध और विकास पर खर्च किया है।'

क्लाउड सास के राजस्व में 55% वृद्धि

ऑरेकल ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में राजस्व में छह फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है। क्लाउड सास के राजस्व में 55 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह 1.1 अरब डॉलर रहा। इसकी तुलना में, क्लाउड प्लेटफॉर्म एज ए सर्विस (पास) और इंफ्रास्ट्रक्चर एज ए सर्विस (आईएएएस) के राजस्व में 21 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 39.6 करोड़ डॉलर रहा। क्लाउड से प्राप्त होने वाले कुल राजस्व में 44 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 1.5 अरब डॉलर रहा।

आईएएनएस

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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