सक्‍सेस स्‍टोरी: जुड़वां किसान भाईयों ने ठुकराई नौकरी, खेती के दम पर कमा रहे लाखों

Rishi
Published on: 19 Dec 2017 9:10 AM GMT
सक्‍सेस स्‍टोरी: जुड़वां किसान भाईयों ने ठुकराई नौकरी, खेती के दम पर कमा रहे लाखों
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लखनऊ : कभी एसी कमरों में बैठकर इंजीनियर का काम करके हजारों कमाने वाले यूपी के जुड़वां भाई अब खेतों में पसीना बहाकर लाखों कमा रहे हैं। अपना काम करने के जुनून ने उन्‍हें देश में प्राकृतिक खेती के दम पर मुकाम हासिल करने वाले किसानों की पहली पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है।आलम ये है कि ये दोनों अब बुधवार से राजधानी में शुरू होने जा रहे शून्‍य लागत प्राकृतिक कृषि शिविर में विदेशों से आने वाले किसानों को खेती के गुण सिखाएंगे। हम बात कर रहे हैं सूबे के फरूर्खाबाद जिले के किसान भाईयों हिमांशु गंगवार और सुधांशु गंगवार की, जिन्‍होंने अपनी 20 एकड़ की खेती को अपना स्टार्टअप बनाकर एक मिसाल पेश की है।

2500 थी पहली सैलरी, अब हर महीने कमा रहे लाखों

हिमांशु गंगवार ने बताया कि उन्‍होंने 1993 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।इसके बाद उन्‍होंने सार्वजनिक उद्यमिता विभाग में नौकरी की। उस नौकरी में उन्‍हें 2500 रूपये महीना बतौर सैलरी मिलते थे।इससे कोई खास संतोष नहीं मिला। इसके बाद 1998 से अपने गांव की ओर रूख किया और खेती करने की ठानी। इस निर्णय पर घर में माताजी नाराज हो गईं। लेकिन अपनी धुन के आगे उनकी नहीं सुनी और एक विदेशी लेखक की किताब पढ़कर खेती शुरू की। पहले प्रयास में काफी नुकसान हुआ।फिर भी प्रयास जारी रखा और वर्ष 2011 में दूसरे प्रयास में शून्‍य लागत प्राकृतिक कृषि पद्धति के जन्‍मदाता पद्मश्री सुभाष पालेकर को फॉलो करके खेती की। इससे एक साल में ही मुनाफा लाखों में पहुंच गया। अब 20 एकड़ में करीब 12 लाख रूपये सालाना तक कमाई पहुंच गई है।

शादी के लिए नहीं हुआ कोई तैयार

किसान हिमांशु गंगवार ने बताया कि जब कोई सुनता कि मैं खेती कर रहा हूं तो कोई शादी के लिए नहीं तैयार हुआ। ये दोनों भाईयों के साथ हुआ। मेरी शादी 35 वर्ष की अवस्‍था में हुई। अब हमारे फादर इन लॉ को हम पर गर्व होता है। हमने खेती के साथ साथ उसके बाई प्रोडक्‍ट जैसे गुड़ को पैक करके उसे सेल करने का काम भी शुरू कर दिया है।इसके अलावा गन्‍ने की एक ही फसल में मूंग और मसूर उगा करके मुनाफे को डबल करते रहते हैं। इसमें मेरे साथ मेरा भाई सुधांशु गंगवार, माताजी, पत्‍नी और ससुराल पक्ष के लोग तक संभालते हैं।शून्‍य लागत प्राकृतिक खेती करके हम देश के सफल किसानों की पंक्ति में खड़े हैं।हमें अपने इस स्‍टार्ट अप पर गर्व है।

20 दिसंबर से विदेशी किसानों को देंगे ट्रेनिंग

किसान हिमांशु गंगवार ने बताया कि 20 दिसंबर से पद्मश्री सुभाष पालेकर के नेतृत्‍व में एक कृषि शिविर लगने जा रहा है। इसमें देश के साथ साथ विदेशों से करीब 1500 किसान डॉ बाबा साहेब भीमराव केंद्रीय विश्‍वविद्यालय में शिविर में शिरकत करने आ रहे हैं।इसमें दोनों भाई श्रीलंका, बांग्‍लादेश और नेपाल सहित अन्‍य देशों से आए किसानों को शून्‍य लागत प्राकृतिक खेती का डेमो देंगे।

सीएम करेंगे शिविर का उद्घाटन

शून्‍य लागत प्राकृतिक खेती के जनक पद्मश्री सुभाष पालेकर ने बताया कि बीबीएयू में 20 से 25 दिसंबर तक एक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसका इनोगरेशन सीएम योगी आदित्‍यनाथ 20 दिसंबर को बीबीएयू में करेंगे। इसमें सीएम के साथ ही साथ कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री आशुतोष टंडन, मंत्री बृजेश पाठक और मंत्री स्‍वाती सिंह मौजूद रहेंगी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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