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‘कठमुल्ला’ वाले बयान पर CM योगी पर बरसे ओवैसी, बोलेः उन्हें उर्दू आती नहीं..
Asaduddin Owaisi On CM Yogi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के 67वें स्थापना दिवस पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उर्दू पढ़ने वाले कठमुल्ले बनते हैं।
Owaisi and cm yogi
Asaduddin Owaisi On CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में उर्दू और कठमुल्ला वाले बयान पर सियासत शुरू हो गयी है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने करारा हमला बोला है। साथ ही तंज कसते हुए ओवैसी ने यहां तक कह दिया कि वह इसे पढ़कर वैज्ञानिक तो नहीं बनते।
सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री को तो उर्दू नहीं आती है। लेकिन वह वैज्ञानिक क्यों नहीं बने। इसका जवाब तो उन्हें जरूर देना चाहिए। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के 67वें स्थापना दिवस पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उर्दू पढ़ने वाले कठमुल्ले बनते हैं।
उन्होंने कहा कि वह जिस विचारधारा से हैं। उनके किसी भी शख्स ने देश की आजादी में हिस्सा नहीं लिया। ओवैसी यहीं नहीं रूके। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वह गोरखपुर शहर से आते है। उसी गोरखपुर शहर के फिराक गोरखपुरी भी थे। तब तो यह उन्हें भी कठमुल्ला ही बोले देंगे। फिराक गोरखपुरी उर्दू के बड़े शायर थे। लेकिन यह उनकी अपनी बौद्धिक क्षमता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने तल्ख लहजे में कहा कि जिन लोगों के जहन और दिल पर ग्रहण लगा हुआ हो। उनके सिर पर दुनिया की कोई भी रोशनी नहीं पहुंच सकती। सीएम योगी पर बरसते हुए ओवैसी ने आगे कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम कि उर्दू मुल्क की आजादी की जुबान है। सीएम योगी आदित्यनाथ उर्दू से नफरत करते हैं।
यूपी विधानसभा में हुई थी तीखी नोंकझोंक
यूपी विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे के बीच अंग्रेजी का हटाने और उर्दू को शामिल करने को लेकर तीखी नोंकझोंक हो गयी थी। इस पर मुख्यमंत्री योगी ने सपा को दोहरे चरित्र वाला करार दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि सपा अन्य भाषाओं की तुलना में उर्दू को ज्यादा महत्व देती है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा था कि अंग्रेजी न तो हमारी राष्ट्रभाषा है और न ही मातृभाषा। इस पर सीएम योगी ने कहा था कि ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं और दूसरे के बच्चों को उर्दू पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ये बिल्कुल भी नहीं चलेगा।