TRENDING TAGS :
Padma Awards 2025: साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण, राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका
Sadhvi Ritambhara honored with Padma Bhushan (Photo: Social Media)
Padma Awards 2025: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने देश की कई प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया है। इस साल सरकार ने कुल 19 लोगों को पद्म भूषण अवार्ड से नवाजा है, जिनमें से एक नाम साध्वी ऋतंभरा का भी है। उन्हें सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया है।
पंजाब के लुधियाना में हुआ जन्म
साध्वी ऋतंभरा, जिनके प्रेरणादायक भाषण 90 के दशक में खासे लोकप्रिय हुए, राजनीति से दूर रहते हुए समाज सेवा में सक्रिय रहीं। उनका जन्म पंजाब के लुधियाना जिले में हुआ था, और उनका नाम पहले निशा था। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने हरिद्वार के स्वामी परमानंद गिरी को अपना गुरु मानते हुए साध्वी बनने का निर्णय लिया। 1980 के दशक में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विश्व हिंदू परिषद ने जन जागरण अभियान शुरू किया, साध्वी ऋतंभरा के शक्तिशाली भाषणों ने उन्हें एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बना दिया। इस अभियान के तहत राम मंदिर आंदोलन की नींव रखी गई।
उस समय भाजपा राजनीतिक रूप से संघर्ष कर रही थी, और कांग्रेस का दबदबा था, जिससे भाजपा विश्व हिंदू परिषद के अभियान को पर्याप्त समर्थन नहीं दे पा रही थी। ऐसे में राष्ट्रीय सेविका समिति ने सक्रिय रूप से इस अभियान में शामिल होकर मदद की। साध्वी ऋतंभरा ने राष्ट्रीय सेविका समिति से जुड़कर अभियान को गति दी। जन जागरण अभियान के तहत गंगा माता भारत माता यात्रा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें कुशल वक्ताओं की जरूरत थी। इस समय साध्वी ऋतंभरा ने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए अपने प्रभावी भाषणों का इस्तेमाल किया। 1990 से 1992 के बीच, राम जन्मभूमि आंदोलन के बढ़ते प्रभाव के साथ साध्वी ऋतंभरा हर घर में एक चर्चित नाम बन गईं। हालांकि, 1992 के बाद वह सार्वजनिक जीवन से थोड़ी हद तक दूर हो गईं, लेकिन उनकी सामाजिक सेवा और योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।