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पेड न्यूज मामला : कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज मामले में तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए गए मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय की युगलपीठ में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई।

tiwarishalini
Published on: 26 Oct 2017 3:46 PM GMT
पेड न्यूज मामला : कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
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नई दिल्ली/भोपाल : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज मामले में तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए गए मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय की युगलपीठ में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई। युगलपीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है। मिश्रा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने वाले पूर्व विधायक राजेंद्र भारती की ओर से अधिवक्ता विवेक तन्खा व वरुण चोपड़ा और मिश्रा की ओर से अधिवक्ता सुंदरम ने अपना-अपना पक्ष रखा।

भारती के अधिवक्ता चोपड़ा ने सुनवाई के बाद बताया कि लगभग 45 मिनट तक सुनवाई चली और उसके बाद न्यायाधीश सुनील गौड़ और न्यायाधीश रवींद्र भट्ट की युगलपीठ ने सुनवाई पूरी होने की बात कहते हुए फैसले को सुरक्षित रखा है।

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नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में खर्च का सही ब्यौरा न देने और पेड न्यूज प्रकाशित कराने की पराजित उम्मीदवार राजेंद्र भारती ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इस मामले में आयोग ने आरोप प्रमाणित होने पर चुनाव के नौ साल बाद 23 जून को मिश्रा को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया था।

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा ग्वालियर उच्च न्यायालय गए और एक अन्य याचिका मुख्य पीठ जबलपुर में लगाई गई। इस पर सुनवाई से पहले ही भारती ने इस प्रकरण को अन्य उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की अपील की।

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भारती की अपील पर मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हुआ और एकलपीठ ने आयोग के फैसले को सही पाया। इस फैसले के खिलाफ मिश्रा सर्वोच्च न्यायालय गए, जहां से दिल्ली उच्च न्यायालय को युगलपीठ के जरिए सुनवाई के निर्देश दिए गए। साथ ही मिश्रा को अंतरिम राहत मिल गई।

ज्ञात हो कि मिश्रा ने सर्वोच्च न्यायालय से विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने के साथ राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान की अनुमति मांगी थी, मगर उन्हें राहत नहीं मिली थी। परिणामस्वरूप वह विधानसभा सत्र में हिस्सा नहीं ले पाए थे और उन्हें राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान का अवसर भी नहीं मिला था। फिलहाल उन्हें स्थगन मिला हुआ है। इसी के चलते वे मंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

--आईएएनएस

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