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भारत ने चीन-पाकिस्तान की चालबाजी को किया बेनकाब, रच रहें थे खतरनाक साजिश

भारतीय कस्टम अधिकारियों ने गुजरात के कांडला बंदरगाह (Kandla Port) पर 3 फरवरी को चीन के एक शिप को कब्जे में लिया था। जांच के बाद रक्षा अनुसंधान और...

Deepak Raj
Published on: 4 March 2020 9:06 AM GMT
भारत ने चीन-पाकिस्तान की चालबाजी को किया बेनकाब, रच रहें थे खतरनाक साजिश
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नई दिल्ली। भारतीय कस्टम अधिकारियों ने गुजरात के कांडला बंदरगाह (Kandla Port) पर 3 फरवरी को चीन के एक शिप को कब्जे में लिया था। जांच के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के विशेषज्ञों ने अब बड़ी जानकारी दी है।

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DRDO ने पुष्टि की है कि चीनी शिप 'दा क्वी योन' के कार्गो से जब्त किया गया मिसाइल लॉन्च के सामान (ऑटोक्लेव) का इस्तेमाल बहुत लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों या सैटेलाइट लॉन्च करने वाले रॉकेटों के निर्माण के लिए किया जाना था। पाकिस्तान के पास ऐसी ही एक मिसाइल है।

पाकिस्तान के पास शाहीन-II मिसाइल है

नाम न छापने की शर्त पर DRDO के एक ऑफिसर बताते हैं, 'इस ऑटोक्लेव का इस्तेमाल लंबी दूरी की मिसाइल की मोटर बनाने के लिए होना था। ये दूरी 1500 किलोमीटर या फिर उससे ज्यादा भी हो सकती है। पाकिस्तान के पास शाहीन-II मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1500 से 2000 किलोमीटर तक की है।

पाकिस्तान ने बीते साल मई में इसका परीक्षण भी किया है। बता दें कि ये शिप चीन से कराची जा रहा था। शिप चीन के जियांग्सू प्रांत की यांग्त्से नदी से चला था। इस पर हांगकांग का झंडा लगा हुआ था और पोर्ट कासिम (कराची) लिखा हुआ था। इस शिप के कार्गो में मिसाइल लॉन्च करने का सामान (ऑटोक्लेव) मिला था।

ये घटना पाकिस्तान और चीन की साठगांठ को उजागर करती है

DRDO के विशेषज्ञों का कहना है कि ये घटना भारत के खिलाफ पाकिस्तान और चीन की साठगांठ को उजागर करती है। सरकार के शीर्ष अधिकारी और खुफिया अफसरों के मुताबिक, टेक्निकल एक्सपर्ट और मिसाइल साइंटिस्टों ने मंगलवार सुबह विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा के नियोजकों और कांडला कस्टम को इसकी जानकारी दी।

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DRDO ने बताया कि शिप के कार्गो से 18 मीटरx 4 मीटर का ऑटोक्लेव मिला है, जिसका इस्तेमाल किसी बड़े हमले के लिए हथियार बनाने के लिए होना था। अधिकारी के मुताबिक, अब ये भारत के सुरक्षा नियोजकों पर है कि वो डिलीवरी सिस्टम (प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल एक्टिविटिज) एक्ट 2005 के तहत इस ऑटोक्लेव का क्या करते हैं।

इस कानून के मुताबिक, डिलीवरी सिस्टम एक्ट का उल्लंघन करने पर कम से कम पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

Deepak Raj

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