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पाकिस्तान की कश्मीर नीति पर उनके अपने ही उठा रहे उंगली
इस्लामाबाद : ऐसा पहली बार हुआ है, कि जब पाकिस्तान के अंदर से किसी ने कहा की इस्लामाबाद की कश्मीर नीति 'हर तरफ केवल मुसीबतें लेकर आई है।' देश के विख्यात शिक्षाविद् परवेज हुदभॉय ने कहा है कि दुनिया भर के देशों की राजधानियों में इस्लामाबाद का नेतृत्व करने वाले पाकिस्तानी राजनयिक इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि दुनिया कश्मीर मुद्दे को कोई तवज्जो नहीं देती।
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हुदभॉय ने कहा, वैचारिक पाकिस्तानियों को यह अहसास होना चाहिए कि देश की कश्मीर-पहले नीति ने हर तरफ सिर्फ मुसीबतें पैदा की हैं। प्रॉक्सी का इस्तेमाल विनाशकारी साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि इन विचारों की आंशिक अनुभूति का ही परिणाम है कि लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद के नेताओं को हिरासत में लिया गया है, लेकिन पाकिस्तान की सेना को देश में कश्मीर स्थित सभी आतंकवादी समूहों का खात्मा करना चाहिए।
शिक्षाविद् ने कहा, इस तरह के समूह पाकिस्तानी समाज तथा सशस्त्र बलों के लिए खतरा हैं। लाहौर तथा इस्लामाबाद में गणित तथा भौतिकी विषय पढ़ाने वाले हुदभॉय ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान के मुजाहिदीनों द्वारा की गई ज्यादतियों से भारतीय सुरक्षा बलों की ज्यादतियां छिप गई हैं।
उन्होंने कहा, कश्मीरी पंडितों का संहार, भारत से संबंध रखने के आरोप में नागरिकों को निशाना बनाना, सिनेमाघरों को नष्ट करना, महिलाओं को परदे में रहने को विवश करना और शिया-सुन्नी विवादों को हवा देने जैसी गतिविधियों ने कश्मीर की आजादी के आंदोलन को कमजोर किया है।
शिक्षाविद् ने कहा, पाकिस्तान की 'भारत को हजारों जख्म देने की नीति' ने कसाईखाने का रूप ले लिया है और वैश्विक राजनीतिक शब्दकोष में जेहाद एक कुरूप शब्द बन गया है।