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रायबरेली में सड़क से गली तक बिक रहा पाकिस्तान का आम

Rishi
Published on: 22 Aug 2018 12:46 PM GMT
रायबरेली में सड़क से गली तक बिक रहा पाकिस्तान का आम
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रायबरेली : पूरे देश में जहां कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। वहीं सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में पाकिस्तान से आया आम खुलेआम बिक रहा है। रायबरेली की फल मंडी से लेकर बाजार तक बिक रहा पाकिस्तांनी आम सबके बीच चर्चा और कौतुहल का विषय बना हुआ है। राजनैतिक उठापटक और सियासी तिलमिलाहट के बीच लोग जमकर बेमौसम पाकिस्तानी आम खरीद कर उसका स्वाद ले रहे हैं।

रायबरेली की बाजारों में ठेलो पर सजे ये बेमौसम आम पडोसी मुल्क पाकिस्तान से आए हैं। दिल्ली से इन आमो को रायबरेली मंगवाने वाले व्यापारी राजेश सोनकर ने बताया की उसने इन आम की खेप दिल्ली के व्यापारी से मंगवाई है। पहली बार में चार कुंतल फिर दुबारा में सात कुंतल आम मंगवाए जो पूरी तरह से बिक गए। राजेश ने बताया की यह आम पिछले दो सालों से आ रहे हैं। जैसे आम आता है वैसे ही भारत से प्याज, टमाटर पकिस्तान बेरोकटोक जाता है। सियासत में क्या हो रहा हमें नहीं मालूम हम व्यापारी है जो माल मिलता है उसकी नीलामी कर बेचते है। राजेश ने यह भी बताया की पकिस्तान में आम की फसल देर से होती है तभी तो वो इस मौसम में आम दुनिया के दूसरे देश भेज रहे हैं।

ठेलों पर आम बेचने वाले पाकिस्तानी आम को 160 से 180 रूपये किलो के हिसाब से बेच रहे हैं। इन आमों पर उर्दू में स्टीकर चिपका है जिसपर गिफ्ट पैक लिखा है, जिसके चलते यह आम जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है।

आम खरीदने वाले ग्राहक लुडन की माने तो उन्हें पहले तो यकीन नहीं हुआ की इस मौसम में आम कैसे? मैंने आम खरीदा। यह आम पाकिस्तान से आया है इसकी जानकारी कितनी सही कितनी गलत यह मुझे नहीं पता, लेकिन अगर पाकिस्तान से चीनी आ सकती है तो आम आने से परहेज क्यों। फिलहाल आम मीठे है। खुर्शीद आलम का कहना है, आम कहां से आया यह मायने नहीं रखता बल्कि इसकी मिठास मायने रखती है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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