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Udaipur Murder: क्या है पाकिस्तानी संगठन 'दावत-ए-इस्लामी', जानें कैसे हुई इसकी भारत में शुरुआत

Udaipur Murder: इस हत्याकांड में एक कट्टरपंथी सुन्नी मुस्लिम संगठन की भूमिका को उजागर किया है। जिसका नाम दावत-ए-इस्लामी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 29 Jun 2022 1:56 PM IST
Udaipur Murder
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कन्हैया लाल की हत्या के आरोपी (फोटो: सोशल मीडिया )

Udaipur Murder: मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में हुए एक वीभत्स हत्याकांड (Tailor kanhaiya lal murder) से पूरा देश स्तब्ध है। कोई इसे हत्या का तालिबानी स्टाइल बता रहा है तो कोई इसे मध्य – पूर्व में कहर मचाने वाले खूंखार आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जोड़ रहा है। लेकिन अब तक की जांच में राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने इस जघन्य हत्याकांड में एक कट्टरपंथी सुन्नी मुस्लिम संगठन (Sunni Muslim Organization) की भूमिका को उजागर किया है। इस संगठन का नाम दावत-ए-इस्लामी ( Daawat-e-Islami) है। पुलिस का कहना है कि टेलर की निर्मम हत्या करने के दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद इसी संगठन से जुड़े हुए थे। ऐसे में जानते हैं कि दावत-ए-इस्लामी क्या है और भारत में इसकी शुरूआत कब और क्यों हुई ?

क्या है दावत-ए-इस्लामी

दावत-ए-इस्लामी (Pakistani organization Daawat-e-Islami) एक गैर राजनीतिक सुन्नी मुस्लिम संगठन है। इसकी शुरूआत 1981 में पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में हुई थी। इसकी स्थापना मौलाना अबू बिलाल मोहम्मद इलियास अत्तारी ने की थी। इलियास अत्तारी के चलते दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं। उदयपुर घटना का एक आरोपी मोहम्मद रियाज भी अपने नाम के आगे अत्तारी लगाता है। इस संगठन के अधिकतर सदस्य हरे रंग की पगड़ी बांधते हैं। इस संगठन का काम इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के संदेशों का प्रचार और प्रसार करना है। इस संगठन के लोगों का कम दरगाह पर जाना, मजार पर चादर चढ़ाना, फातिहा पढ़ना और दुआएं मांगना है। दावत-ए-इस्लामी दुनिया भर के देशों में मदरसा संचालन करता है और सुफीज्म के काफी करीब माना जाता है।

कई देशों में फैला है नेटवर्क

दावत-ए-इस्लामी का संचालन पाकिस्तान से होता है और दुनिया के 194 देशों में इसका नेटवर्क फैला है। इसकी खुद की अपनी वेबसाइट है। इसके वेबसाइट पर करीब 32 तरह के इस्लामी कोर्स उपलब्ध हैं। महिलाओं एवं पुरूषों के लिए – अलग कोर्स हैं। इसके अलावा यह संगठन कुरान पढ़ने और मुसलमानों को हर तरीके से शरिया कानून को मानने के लिए तैयार करता है। इस संगठन पर आरोप है कि यह वेबसाइट पर उपलब्ध इस्लमी पाठ्यक्रमों के माध्यम से आम मुसलमानों को कट्टर बना रहा है।

भारत में दावत-ए-इस्लामी की शुरूआत

भारत में दुनिया में मुसलमानों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी रहती है। भारत से अधिक मुसलमान केवल इंडोनेशिया में रहते हैं। ऐसे में पाकिस्तान में पनपा दावत-ए-इस्लामी के लिए भारत एक उर्वर भूमि थी। इस संगठन ने अपने स्थापना के आठ वर्ष बाद भारत में दस्तक दी। साल 1989 में पाकिस्तान से उलेमाओं का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया और दावत-ए-इस्लामी संगठन की यहां बुनियाद रख दी। इसके बाद यह संगठन धीरे – धीरे भारत में अपनी जड़ें मजबूत करता चला गया। मुंबई और दिल्ली में इस संगठन का मुख्यालय है। सैयद आरिफ अली अत्तारी भारत में इस संगठऩ के विस्तार का काम देख रहे हैं। संगठन अपने संदेशों के विस्तार के लिए सालाना इज्तिमा (जलसा) भी करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुड़ते हैं। इसके अलावा अपने संदेश को फैलाने के लिए इस संगठन ने मदनी चैनल करके एक टीवी चैनल भी बनाया है।

संगठन पर हैं कई गंभीर आरोप

सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी पर धर्मांतरण और लोगों को कट्टरपंथ की राह पर धकेलने जैसे गंभीर आरोप लगते रहे हैं। यह संगठन अपनी वेबसाइट पर एक न्यू मुस्लिम कोर्स संचालित करता है। इस कोर्स का मकसद धर्मांतरण कर नए – नए मुसलमानों को इस्लामी शिक्षा से अवगत कराना है। इस कोर्स के माध्यम से धर्मांतरण करने वालों को जिहादी बनने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।

उदयपुर हत्याकांड के आरोपी का दावत-ए-इस्लामी कनेक्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल तेली की हत्याकांड में शामिल दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद दावत-ए-इस्लामी नामक संगठन से जुड़े हुए थे। ये दोनों इस्लामी संगठन के ऑनलाइन पाठ्यक्रम से जुड़े हुए हैं। ऐसी जानकारी सामने आई है कि हत्या के दोनों अजमेर दरगाह जियारत के लिए जाने वाले थे, लेकिन पुलिस ने 170 किलीमीटर उनका पीछाकर उन्हें पहले ही दबोच लिया।

इस हत्याकांड की जांच राज्य सरकार की एसआईटी के अलावा एनआईए भी करेगी। एनआईए की टीम जल्द उदयपुर पहुंचने वाली है। दरअसल इस हत्याकांड में अंतरराष्ट्रीय साजिश की भी बात सामने आ रही है, क्योंकि अलकायदा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर बदला लेने की बात कह चुका है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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