×

बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए पेरेंट्स की रजामंदी जरूरी, बन रहा नियम

केंद्र सरकार ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए माता-पिता की अनिवार्य और सत्यापन योग्य सहमति का प्रस्ताव रखा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 4 Jan 2025 3:23 PM IST
Parents consent is necessary for childrens social media accounts rules are being made
X

Parents consent is necessary for children's social media accounts rules are being made (Photo: Social Media)

केंद्र सरकार ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की अनिवार्य और सत्यापन योग्य सहमति का प्रस्ताव रखा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के ड्राफ्ट में कहा गया है कि डेटा फ़िड्युसरी यानी ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों के निजी डेटा लेने से पहले उनके माता-पिता की सहमति ली जाए और सहमति को भी वेरीफाई किया जाये। यही नहीं, माता-पिता की पहचान भी उनके आईडी से की जानी चाहिए।

डेटा फ़िड्युसरी वे इकाइयाँ होती हैं जो निजी डेटा को प्रोसेस करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म इस केटेगरी में आएंगे। ड्राफ्ट में कहा गया है कि डेटा फिड्युसरी को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करने होंगे कि बच्चे के किसी भी निजी डेटा को प्रोसेस करने से पहले माता-पिता की रजामंदी ली जाए। साथ में यह भी पता किया जाए कि जिसे माता-पिता बताया जा रहा है वह खुद वयस्क है कि नहीं। इसकी कानूनी पहचान की जा सकती है।

अब होगा क्या?

अगर ड्राफ्ट नियमों को अंतिम रूप दिया जाता है तो सोशल मीडिया कंपनियाँ पेरेंट्स की रजामंदी के बगैर बच्चों को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर अकाउंट खोलने या बच्चों के निजी डेटा को लेने की अनुमति नहीं दे सकती हैं। मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रकाशित किए गए मसौदे को 18 फरवरी के बाद अंतिम नियम बनाने के लिए ध्यान में रखा जाएगा। संसद द्वारा डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक 2023 को मंजूरी दिए जाने के 14 महीने बाद मसौदा नियम जारी किए गए हैं।

आप भी अगर अपनी आप भी चाहें तो इस ड्राफ्ट नियम को पढ़ कर अपनी राय या प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इसके लिए आप mygov.in पर राय दे सकते हैं।

ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, फ़िड्युसरी को डेटा को सिर्फ उस समय तक रखना होगा जिसके लिए सहमति प्रदान की गई है और उसके बाद इसे हटा देना होगा। ड्राफ्ट नियमों में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनल्स यानी डाक्टर या अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों सहित कुछ डेटा फ़िड्युसरी को कुछ प्रतिबंधों के साथ बच्चों के निजी डेटा को प्रोसेस करने की अनुमति दी जाएगी। कुछ मामलों में जहां कोई यूजर लंबे समय तक ई-कॉमर्स प्रोवाइडर, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म या ऑनलाइन गेमिंग सेवा का इस्तेमाल नहीं कर रहा है तब उस स्थिति में उनका डेटा हटाने के लिए 48 घंटे की सूचना दी जायेगी।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

Next Story